Ranchi News: राजधानी रांची में ब्राउन शुगर तस्करी की मुख्य आरोपित रूबी देवी उर्फ ‘भाभीजी’ को लेकर चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। पुलिस रिमांड में हुई तीन दिनों की पूछताछ में यह सामने आया है कि पिछले 10 वर्षों से रूबी देवी का मायका और ससुराल—दोनों ही परिवार—इस अवैध कारोबार में सक्रिय हैं।
यूपी से लाकर बनाती थी मिलावटी ब्राउन शुगर
पुलिस पूछताछ में रूबी देवी ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश से ब्राउन शुगर लाती थी और उसमें अन्य नशीले पदार्थ मिलाकर बेचती थी। इस नेटवर्क में उसका भाई पिंटू साह, बहनोई प्रिंस, और देवर सूरज कुमार साह भी शामिल थे। रांची पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है।
रांची में हर थाने के पीछे था ‘भाभीजी’ का लिंक
पुलिस के अनुसार, राजधानी के प्रत्येक थाना क्षेत्र में ब्राउन शुगर का रैकेट ‘भाभीजी’ से जुड़ा था। व्यापारी और डीलर उन्हीं से माल लेकर आगे सप्लाई करते थे। इतना ही नहीं, मुख्य ड्रग डीलर ‘कन्हैया’ भी उन्हीं से ब्राउन शुगर खरीदता था और अपने नेटवर्क के ज़रिए उसे बेचवाता था। कन्हैया को पुलिस ने उसके ही एक साथी के जरिए ट्रैप कर पकड़ा था, जो वर्तमान में जेल में है।
अनेक थानों में दर्ज हैं मामले
‘भाभीजी’ के खिलाफ सुखदेवनगर थाने में 13, कोतवाली में 2, लोअर बाजार और गोंदा में 2-2, तथा खेलगांव, पुंदाग, अरगोड़ा और जगन्नाथपुर थाना सहित कई जगहों पर मामले दर्ज हैं। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, रांची में नशे का कारोबार करने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में रूबी देवी से जुड़ा हुआ था।
29 अप्रैल को कोर्ट में किया सरेंडर
जब पुलिस ने रूबी देवी के ठिकानों पर कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू की और अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई, तो 29 अप्रैल 2025 को उसने रांची सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। फिलहाल पुलिस की जांच और गहन पूछताछ जारी है।
🔍 निष्कर्ष
रांची में फैले नशे के जाल की इस कहानी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ब्राउन शुगर का नेटवर्क केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे परिवार के सहयोग से संचालित हो रहा था। पुलिस अब इस गिरोह के और सदस्यों तक पहुंचने की दिशा में आगे बढ़ रही है।