Cloud Burst : अगले 8 दिनों तक रहे सावधान, बादल फटने से जान माल का ख़तरा, पहाड़ो पर जाने से करे परहेज़।

Cloud Burst : अगले 8 दिनों तक रहे सावधान, बादल फटने से जान माल का ख़तरा, पहाड़ो पर जाने से करे परहेज़।

पहाड़ों पर बादल फटने की शुरू हुई घटनाएं अब लगातार अपना विस्तार लेती जा रही हैं । हिमाचल प्रदेश के हिस्से में शुरू हुआ बादल फटने का सिलसिला अब जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक पहुंच चुका है । हालात यह हो गए हैं कि बीते 24 घंटे के भीतर इन तीन राज्यों में तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा क्लाउड बर्स्ट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं । मौसम विभाग के मुताबिक अभी जिस तरीके की परिस्थितिययां बनी हुई हैं, उससे अगले 8 दिनों तक पहाड़ी इलाकों में अलग- अलग जगह पर न सिर्फ भारी बारिश की आशंका बनी हुई है, बल्कि कई इलाकों में अभी भी क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं । केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस तरीके की घटनाओं को लेकर आपसी समन्वय के साथ सुरक्षा इंतजामों को लेकर पूरी तरीके से मुस्तैद है । वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के पश्चिमी हिमालय में कम दबाव का क्षेत्र लगातार बना हुआ है । जिसके चलते क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं ।

भीतर 48 घंटे के भीतर हिमाचल प्रदेश के अलग- अलग हिस्सों में तकरीबन 6 जगह पर क्लाउड बर्स्ट की सूचनाएं आ चुकी हैं । जबकि उत्तराखंड और जम्मू के पंपोर इलाके में भी बादल फटे हैं । मौसम वैज्ञानिक डॉ अखिलेश चंद्र बताते हैं कि जिस तरीके का दबाव क्षेत्र उत्तर भारत के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बना हुआ है, वह अभी तकरीबन आठ दिनों तक वैसा ही रहेगा । ऐसी परिस्थितियों के दौरान लगातार तेज बारिश और क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं आगे भी हो सकती हैं ।

Rescue workers remove the debris as a search operation continues in the aftermath of a landslide following torrential rain in Shimla in the northern state of Himachal Pradesh, India, August 17, 2023. REUTERS/Stringer/File Photo

डॉ. अखिलेश कहते हैं कि शुक्रवार की सुबह जिस तरीके से जम्मू कश्मीर के इलाके के छोटे हिस्से में ही सही, लेकिन क्लाउड बर्स्ट की घटना हुई है, वह अगले कुछ दिनों के लिए अलार्मिंग है । इसकी वजह बताते हुए मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अखिलेश कहते हैं कि इन इलाकों में लगातार कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है । वह कहते हैं कि कम दबाव के बन रहे क्षेत्र में क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं । क्योंकि बारिश भी लगातार हो रही है, ऐसे में पहाड़ी इलाकों में हालात फिलहाल खतरे जैसे ही बने हुए हैं ।

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के कुछ हिस्से में लगातार साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी बन रहा है । अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जिस तरीके की परिस्थितियां बनी हैं, वह अलग- अलग हिस्सों में 8 अगस्त तक बनी रह सकती हैं । मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 8 अगस्त तक लगातार तेज बारिश होती रहेगी । इसके चलते पहाड़ी इलाकों पर क्लाउड बर्स्ट से लेकर लैंडस्लाइडिंग जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं । इसके लिए मौसम विभाग ने उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के संबंधित महत्वपूर्ण महकमों को भी अलर्ट कर दिया है ।

विभाग के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार को उत्तराखंड के अलग- अलग हिस्सों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया जा चुका है । बीते 24 घंटे के भीतर उत्तराखंड के अलग- अलग हिस्सों में तेज बारिश पहले से ही हो रही है । मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तराखंड के भी कुछ हिस्सों में क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है ।

मौसम विशेषज्ञ अनूप यादव बताते हैं कि जिस तरीके से जम्मू कश्मीर के पंपोर इलाके में शुक्रवार को बादल फटने की घटना हुई है । इस इलाके में और जगहों पर तेज बारिश के साथ- साथ बादल फटने का अनुमान लगाया जा रहा है । यादव बताते हैं कि दरअसल पश्चिमी हिमालय रीजन में बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में एक जैसी ही परिस्थितियां बन रही हैं । 48 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में 6 बार से ज्यादा छोटे- बड़े क्लाउड बर्स्ट हो चुके हैं । यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर समेत उत्तराखंड के हिस्सों में स्थितियां बदहाल हो रही हैं ।

मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को केदारनाथ में बादल फटने से स्थितियां अभी भी बदहाल हैं । इस घटना के बाद उत्तराखंड के कुछ अलग- अलग हिस्सों में भी तेज बारिश के साथ छोटे क्लाउड बर्स्ट दर्ज हुए हैं । विभाग का मानना है कि अगले 8 दिनों तक इस तरीके की परिस्थितियों उत्तर भारत के सभी पहाड़ी राज्यों में बनी रह सकती हैं । ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए संबंधित राज्यों के साथ- साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन को भी केंद्र की ओर से अवगत करा दिया गया है ।

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