हाल ही में भारतीय राजनीति में दल-बदल की प्रक्रिया पर ध्यान देने योग्य घटनाएं हुई हैं। झारखंड के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की घोषणा की है।
इस निर्णय की वजह से झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई है।ऐसे तो इस तरह के दल-बदल भारतीय राजनीति में नई बात नही है। डाल– बदल के कारण पार्टी में बहुत सारे बदलाव आता है ।वही कभी पार्टी को फ़ायदा तो कभी नुकसान भी होता है।
पिछले लोकसभा चुनाव में सीता सोरेन जो पूर्व में जमा से झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक ने लोकसभा चुनाव में भाजपा से हाथ मिलाया था।
वही दूसरी ओर पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी और पूर्व सांसद गीता कोड़ा भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी के साथ आ गई थी। और ऐसे में अभी चंपई सोरेन और लोबिन हेंब्रम का नाम भी शामिल हो रहा है।
ऐसे में ये एक बड़ा सवाल है की क्या बीजेपी मे ऐसे कदावर नेता की कामी हो गई है क्या।
वही दिल्ली में सोमवार को चंपई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले।वही इस मुलाकात के दौरान हिमन्त बिश्व शर्माने और चंपई के बेटे बाबूलाल भी मौजूद थे।
वही दिल्ली में बीजेपी नेताओं से बातचीत कर झारखंड लौटने के बाद चंपई सोरेन हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल और जेएमएम मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक पदों से इस्तीफा देंगे।
वही उन्होंने ये भी कहा है को वो एक रैली कर बीजेपी में शामिल होंगे।
उनके बीजेपी में शामिल होने की संभावना ने राज्य में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया है, क्योंकि वे एक महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं और उनकी सदस्यता बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जीत हो सकती है। चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को झारखंड में और अधिक समर्थन मिल सकता है और यह आगामी चुनावों में पार्टी के लिए एक लाभकारी कदम हो सकता है।
ये सारी अटकले 16 अगस्त से शुरू हुई थी।
वही सूत्रों का ऐसा भी कहेना है की विधायक समीर मोहंती, दशरथ गगराई, निरल पूर्ती, चमरा लिंडी, रामदास सोरेन , संवीज सरदार और मंगल कालिंदी के भाजपा में शामिल होने की खबर है।
वही जब उनसे ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने सारी बातों को नकारते हुए बोले की ये बस ये अफवाह है।
इस बड़ी आयलान से पहले उन्होंने ये भी कहा था की मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद आपमानती महसूस का रहा हु।इसी वजह से उन्होंने अलग रास्ता चुनने का फैसला लिया।