झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी अलग – अलग पार्टियां , आरोप –प्रतिआरोप का शुरू हुआ खेल!

झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी अलग – अलग पार्टियां , आरोप –प्रतिआरोप का शुरू हुआ खेल!

अभी झारखंड में चुनावी माहौल चल रहा है और सभी पार्टी एक दूसरे के अपर अलग अलग तरीके के इल्जाम लगाते नही थक रही है।
ऐसे में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा राज्य में चील – कौवे मंडरा रहे , इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
वही इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा झारखंड को चील – कौवे के जैसे नोचकर खा रहे सत्ताधारी दल को लोग है।
सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को एक कार्यक्रम आपकी योजना आपकी सरकार में कहा की 3 साल तक केंद्र सरकार ने पीएम आवास योजना की राशि का आवंटन नहीं किया था और अब चुनाव आ रहा है तो केंद्र की ओर से राशि आवंटन को सूचना मिली है।
उन्होंने बताया की पीएम आवास योजना को राशि को लेकर राज्य सरकार केंद्र के कर्यालय का चक्कर लगाती रही, पर राशि तो अब तो नही मिली। ये राशि न मिलने के बाद झारखंड सरकार ने गरीब जानता को आवास देने के लिए आबुआ आवास योजना शुरु की।


वही उन्होंने केंद्र सरकार से स्वाला करते हुए कहा केंद्र सरकार पीएम आवास योजना के तहत एक लाख गरीबों को आवास के लिए राशि उपलब्ध कर रही है पर झारखंड के 25 लाख गरीबों का क्या होगा। वही उन्होंने कहा की बाकी गरीबों के लिए झारखंड सरकार आवास देगी। उन्होंने ये भी वादा किया की अगले 5 साल तक झारखंड के हर परिवार को मकान उपलब्ध करा दिया जायेगा। 15 सितंबर को होने वाले पीएम के कार्यक्रम को लेकर भी बोले की भीड़ जुटने के loue पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ से लोगो को जमशेदपुर लाया जा रहा है।
वही दूसरी तरफ मंगलवार को एयरपोर्ट पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा की हम ऐसे भाषा नही बोलते है । लेकिन सत्ताधारी दल लोग झारखंड को चील – कौवे की तरह नोच नोच कर खा रही है।
शिवराज सिंह चौहान ने हेमंत सोरेन से पूछते हुए कहा की झारखंड में नोट के पहाड़ बरामद हो रहे है। आदिवासियों बेटियों का क्या हाल है, कानून व्यवस्था की क्या स्तीथी है, ये किसी से छिपा नहीं है। वही उन्होंने उनकी सरकार के लेकर कहा की उनके लोगो ने बालू से लेकर खनिज तक खा जा रही है।जल जीवन मिशन का पूरा पैसा बर्बाद हर दिया है।
इसके बाद बेरोजगारी को लेकर बोले की 5 साल तक नौकरी नहीं दी और अब चुनाव के समय 10 – 10 किलोमीटर तक दौड़ा रही है। वहीं 2 हजार रूपए चुलाहा खर्च देने का वादा किया था और अब चुनाव के आते ही केवल 1 हजार रुपए देकर जाल बिछा रहे है।
मजे की बात तो ये है की हर पार्टी अपनी गलती को छुपा कर दूसरी की गलती और किए गए वादे से जानता को अवगत करवा रही है।

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