HEC कर्मियों की सुविधाएं छीनी जा रही हैं, हटिया कामगार यूनियन ने हड़ताल का दिया अल्टीमेटम |

HEC कर्मियों की सुविधाएं छीनी जा रही हैं, हटिया कामगार यूनियन ने हड़ताल का दिया अल्टीमेटम |

रांची के एचईसी कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती से नाराज हटिया कामगार यूनियन ने 18 सूत्री मांगों के साथ प्रबंधन को हड़ताल की चेतावनी दी है। जानिए क्या हैं उनकी प्रमुख मांगें।
रांची, 6 मई 2025:
राजधानी रांची स्थित हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HEC) के कर्मचारियों की सुविधाओं में लगातार की जा रही कटौती ने यूनियन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। हटिया कामगार यूनियन ने इसको लेकर एचईसी प्रबंधन को 18 सूत्री मांगों के साथ एक आधिकारिक हड़ताल नोटिस सौंपा है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो यूनियन 20 मई को राष्ट्रव्यापी श्रमिक हड़ताल में शामिल हो सकती है।

प्रबंधन पर लगाया संवादहीनता का आरोप

हटिया कामगार यूनियन के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा कि HEC प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनी में न केवल मूलभूत सुविधाएं घटाई जा रही हैं, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलने वाली वित्तीय सेवाओं में भी बाधा डाली जा रही है।

महत्वपूर्ण सेवाएं बंद, उपकरण भी नहीं मिल रहे

उपाध्यक्ष के अनुसार,

  • कंपनी में कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण (Safety Gear) तक नहीं मिल रहे हैं।
  • जून 2018 के बाद से रिटायर हो चुके कर्मियों को एक महीने के भीतर मिलने वाली ग्रेच्युटी राशि अब तक लंबित है।
  • सीपीएफ (CPF) का भुगतान, जो पहले रिटायरमेंट के एक सप्ताह के भीतर होता था, नवंबर 2023 से बंद है।

लेबर कोड के खिलाफ भी उठाई आवाज

केंद्रीय सरकार द्वारा लाए जा रहे चार लेबर कोड का भी यूनियन ने विरोध किया है। लालदेव सिंह ने कहा कि यह कोड श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करेंगे। इसी मुद्दे को लेकर 20 मई 2025 को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है, जिसमें HEC कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।

यूनियन की 18 सूत्री प्रमुख मांगें

हटिया कामगार यूनियन की कुछ मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:

  • न्यूनतम पेंशन ₹9,000 सुनिश्चित की जाए
  • न्यूनतम वेतन ₹26,000 प्रतिमाह किया जाए
  • ईएसआई (ESI) की सुविधा दी जाए
  • कार्यस्थल दुर्घटना होने पर मुआवजा सुनिश्चित किया जाए
  • कैंटीन सुविधा तत्काल बहाल की जाए
  • सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर ग्रेच्युटी और सीपीएफ का भुगतान किया जाए
  • सभी कर्मियों को सुरक्षा उपकरण दिए जाएं

यूनियन का कहना है कि अगर इन मांगों पर समय रहते सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो कर्मचारियों को हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रबंधन और सरकार दोनों की होगी।

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