रांची, झारखंड – रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को 2.40 करोड़ रुपये की योजना राशि वापस कर दी है। यह फंड अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के जीर्णोद्धार हेतु आवंटित किया गया था, लेकिन आवश्यक अनुमति न मिलने के कारण योजना लागू नहीं हो सकी।
अनुमति नहीं मिली, योजना अटकी
सूत्रों के अनुसार, रिम्स ने पुराने भवन की मरम्मत व सुधार कार्य के लिए योजना बनाई थी। भवन की हालत काफी जर्जर हो चुकी है, जिससे मरीजों और स्टाफ को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग से परियोजना को मंजूरी नहीं मिल सकी, जिस कारण से फंड का उपयोग नहीं हो पाया।
जर्जर भवन, खराब लिफ्ट और जलजमाव बना समस्या
रिम्स की पुरानी बिल्डिंग की हालत काफी खराब है। बरसात के मौसम में बेसमेंट में पानी भर जाता है, जिससे बदबू और संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। लिफ्टें भी लंबे समय से खराब हैं। 3 जून को एक दुर्घटना में दो बच्चे जर्जर लिफ्ट में फंस गए थे, जिसके बाद लिफ्ट मेंटेनेंस कंपनी को नोटिस जारी किया गया था।
फंड वापसी के बाद क्या होगा अगला कदम?
प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि जब भी नई योजना को स्वास्थ्य विभाग से स्वीकृति मिलेगी, रिम्स को पुनः आवश्यक राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। हालांकि, जब तक अनुमति नहीं मिलती, तब तक पुराने भवन की मरम्मत अटकी रहेगी।
निष्कर्ष
रिम्स की यह स्थिति राज्य के प्रमुख चिकित्सा संस्थान की कमजोर बुनियादी सुविधाओं को उजागर करती है। समय पर अनुमति और बजट उपयोग की प्रक्रिया को बेहतर बनाए जाने की आवश्यकता है, ताकि मरीजों को सुरक्षित और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।