रांची/नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झामुमो (JMM) सुप्रीमो और झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन के बाद पूरे झारखंड में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। लोग यह जानना चाहते हैं कि गुरुजी की मृत्यु की असली वजह क्या थी और वे किन-किन बीमारियों से पीड़ित थे।
कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे शिबू सोरेन
शिबू सोरेन लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारी, डायबिटीज, और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्हें डायलिसिस पर रखा गया था और पूर्व में बायपास सर्जरी भी हो चुकी थी। जून 2025 में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती किया गया था।
ब्रेन स्ट्रोक ने बढ़ाई स्थिति की गंभीरता
इलाज के दौरान ब्रेन स्ट्रोक के चलते उनकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई। डॉक्टरों की एक विशेष टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही थी, लेकिन स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहा। जुलाई 2025 में थोड़े समय के लिए उनकी स्थिति में सुधार हुआ था, लेकिन अगस्त की शुरुआत में दोबारा तबीयत गंभीर हो गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।
अंतिम समय में परिवार रहा साथ
शिबू सोरेन के निधन के समय उनके साथ उनका पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी एवं विधायक कल्पना सोरेन सहित परिवार के अन्य सदस्य उनके पास थे। पूरा राज्य इस समय शोक में डूबा हुआ है।
झारखंड के राजनीतिक इतिहास में अपूरणीय क्षति
शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता बल्कि आदिवासी समाज की आवाज और झारखंड राज्य निर्माण के प्रमुख स्तंभ थे। उनके निधन से झारखंड ने अपना एक महान नेता और मार्गदर्शक खो दिया है।