रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के सर्वोच्च नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े। रांची एयरपोर्ट से लेकर मोरहाबादी स्थित उनके आवास तक रास्तों के दोनों ओर लोग नम आंखों से अंतिम दर्शन करने पहुंचे। हाथों में तख्तियां लिए समर्थकों ने नारे लगाए – “जब तक सूरज चांद रहेगा, गुरुजी का नाम रहेगा” और “वीर शिबू सोरेन अमर रहें”।
गुरुजी के चाहने वाले राज्य के कोने-कोने से एयरपोर्ट पर भी पहुंचे और भावुक होकर उन्हें अंतिम विदाई दी। मंत्री, विधायक, कार्यकर्ता और आम नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह, विधायक हेमलाल मुर्मू, निशात आलम, पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सुरेश पासवान, राजेश कच्छप, श्वेता सिंह, राम सूर्या मुंडा, नमन विक्सल कोंगाड़ी, विकास सिंह मुंडा, ममता देवी, निरल पूर्ति और उमाकांत रजक समेत कई नेता उपस्थित रहे।

मोरहाबादी आवास पर अंतिम दर्शन का सिलसिला जारी मोरहाबादी स्थित शिबू सोरेन के आवास पर समर्थकों की भीड़ उमड़ रही है। आदिवासी छात्रावास की छात्राएं भी सड़क के किनारे कतारबद्ध होकर गुरुजी के अंतिम दर्शन के लिए खड़ी हैं। सभी की आंखें नम हैं। मंत्री योगेंद्र प्रसाद और सुदिव्य कुमार सोनू पहले से आवास पर मौजूद थे।
नेमरा में होगा अंतिम संस्कार 5 अगस्त को सुबह 10 बजे गुरुजी का पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा परिसर ले जाया जाएगा, जहां जनप्रतिनिधि और अधिकारी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद लगभग 12 बजे उनके पैतृक गांव नेमरा (गोला प्रखंड, जिला रामगढ़) ले जाया जाएगा। वहां पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राजकीय कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा तैयार झारखंड सरकार ने अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि कार्यक्रम को लेकर विस्तृत योजना तैयार की है। मंत्रिमंडल समन्वय एवं निगरानी विभाग ने रांची और रामगढ़ जिला प्रशासन को आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 4 अगस्त की सुबह दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया था। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से झारखंड ने एक युग पुरुष को खो दिया है।