बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी होगा वोटरों का SIR, फर्जी वोटिंग पर लगेगी रोक

बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी होगा वोटरों का SIR, फर्जी वोटिंग पर लगेगी रोक

झारखंड न्यूज: गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने देवघर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा ऐलान किया कि बिहार की तरह अब झारखंड में भी चुनाव आयोग स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) करने जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत एक व्यक्ति का नाम केवल उसी जगह पर रहेगा, जहां वह वास्तव में निवास करता है। यदि किसी का नाम तीन-चार जगह वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो उसे केवल अपने वर्तमान पते पर ही मतदान का अधिकार मिलेगा।

बांग्लादेशियों के वोटिंग अधिकार पर असर
सांसद दुबे ने कहा कि SIR लागू होने से झारखंड में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों का वोट डालने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा चुनाव आयोग का गलत इस्तेमाल किया है। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

क्या है SIR?
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है। इसमें दोहरे नाम, गलत प्रविष्टियां और मृत मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर विधानसभा या लोकसभा चुनाव से पहले की जाती है, ताकि फर्जी वोटिंग को रोका जा सके।

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