झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़ जिला) में चल रहा है। इस अवसर पर देशभर से गणमान्य लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं। शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नेमरा पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इससे पहले योगगुरु बाबा रामदेव ने भी गुरुजी को नमन करते हुए कहा कि “शिबू सोरेन केवल झारखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए युगपुरुष थे। राजनीति में उन्हें सब ‘गुरुजी’ के नाम से जानते हैं।”

नेमरा में हाईटेक और सख्त सुरक्षा इंतज़ाम
श्राद्ध कर्म में आने वाले भारी जनसमूह को देखते हुए प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम किए हैं।
- नेमरा जाने वाली सड़कों को चकाचक कर दिया गया है।
- बाहर से आने वाले लोगों के लिए तीन बड़े पार्किंग ज़ोन बनाए गए हैं।
- पार्किंग से नेमरा तक पहुंचने के लिए ऑटो और ई-रिक्शा सेवा चलाई जा रही है।
- मेडिकल टीम, विश्राम स्थल और जैविक शौचालय की भी व्यवस्था की गई है।
- भीड़ और सुरक्षा प्रबंधन के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए 2500 से अधिक पुलिसकर्मी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और 10 आईपीएस अधिकारी तैनात हैं।
आदिवासी रीति-रिवाजों से हो रहा श्राद्ध कर्म
श्राद्ध कर्म पूरी तरह आदिवासी परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हो रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले कई दिनों से गांव में मौजूद हैं और उन्होंने अधिकारियों को परिवहन, स्वास्थ्य, भोजन वितरण और स्वच्छता जैसी सेवाओं में किसी भी तरह की बाधा न आने देने का निर्देश दिया है।
भोजन पंडाल और स्मृति प्रदर्शनी
श्रद्धालुओं के लिए तीन बड़े भोजन पंडाल बनाए गए हैं, जहां पारंपरिक श्राद्ध भोजन और प्रसाद परोसा जा रहा है।
साथ ही गुरुजी के जीवन और योगदान पर आधारित एक विशेष स्मृति प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसमें उनकी दुर्लभ तस्वीरें, राजनीतिक जीवन की झलक और आदिवासी समाज के लिए किए गए कार्यों को प्रदर्शित किया जा रहा है।
श्रद्धांजलि देने उमड़ी भीड़
देशभर से लोग गुरुजी को अंतिम विदाई देने नेमरा पहुंच रहे हैं। आने वाले दिनों में कई बड़े नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।