Jharkhand News (झारखंड राजनीति): झारखंड की सियासत में इस वक्त बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राज्यसभा सदस्य दिशोम गुरु शिबू सोरेन और राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद एक महीने के भीतर दो अहम पद खाली हो गए हैं। ऐसे में अब सबकी नजर इस बात पर है कि झामुमो (JMM) इन सीटों को किसके हाथ में सौंपता है।
सोमेश सोरेन को मिल सकती है कैबिनेट में जगह
झामुमो सूत्रों के मुताबिक, दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के बड़े बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना बेहद मजबूत है। सोमेश लंबे समय से अपने पिता के साथ राजनीति में सक्रिय रहे हैं और विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच भी उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेना है, जो लगातार परिवार से बातचीत कर रहे हैं।
घाटशिला विधानसभा में उपचुनाव अनिवार्य
रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला विधानसभा सीट खाली हो गई है। संवैधानिक नियमों के तहत छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना होगा। राजनीतिक हलकों में यह लगभग तय माना जा रहा है कि झामुमो यह सीट परिवार के भीतर ही रखेगा और सोमेश सोरेन को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
राज्यसभा सीट पर सबकी नजर
शिबू सोरेन का कार्यकाल राज्यसभा में जून 2026 तक था। उनके निधन से यह सीट खाली हो चुकी है। अब झामुमो के सामने चुनौती है कि ऐसे उम्मीदवार का चयन करे, जो पार्टी कैडर को मजबूत संदेश दे सके और शिबू सोरेन की राजनीतिक विरासत को भी संभाल सके। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और शिबू सोरेन के करीबी लोगों के नाम इस रेस में बताए जा रहे हैं।
झारखंड की राजनीति में बड़ा असर
एक महीने के भीतर दो दिग्गज नेताओं के निधन ने झारखंड की राजनीति को गहराई से प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में झामुमो और गठबंधन सरकार को कई अहम फैसले लेने होंगे, जिनका सीधा असर राज्य की सियासी दिशा पर पड़ेगा।