आतंक पर कड़ा प्रहार: श्रीनगर में 11 जगहों पर छापेमारी, शोपियां में 3 लश्कर आतंकी ढेर|

आतंक पर कड़ा प्रहार: श्रीनगर में 11 जगहों पर छापेमारी, शोपियां में 3 लश्कर आतंकी ढेर|

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। श्रीनगर में 11 ठिकानों पर छापे, शोपियां में 3 लश्कर आतंकियों का खात्मा।


जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ एक्शन तेज, 11 जगहों पर छापेमारी, 3 आतंकी मारे गए

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ दिया है। मंगलवार को श्रीनगर में पुलिस ने 11 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की, जबकि शोपियां जिले के केलर इलाके में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया।

UAPA के तहत चल रही है कार्रवाई

पुलिस के अनुसार यह छापेमारी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत दर्ज मामलों की जांच के तहत की जा रही है। इसका उद्देश्य उन लोगों और नेटवर्क को खत्म करना है जो आतंकी संगठनों को पनाह, सहायता और संसाधन मुहैया कराते हैं।

22 अप्रैल के बाद से 150 से ज्यादा जगहों पर छापे

सूत्रों के अनुसार, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद से अब तक 150 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की जा चुकी है। इन कार्रवाइयों का मुख्य उद्देश्य घाटी में मौजूद आतंकी ढांचे और उनके लोकल सपोर्ट सिस्टम को पूरी तरह खत्म करना है।

शोपियां में ‘ऑपरेशन केलर’ के तहत सफलता

शोपियां जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। केलर इलाके में चलाए गए ‘ऑपरेशन केलर’ में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। इन आतंकियों के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने की पुष्टि हुई है।

CCS बैठक में हो सकता है बड़ा निर्णय

सुरक्षा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक बुलाई जा सकती है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल होंगे। बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’, पहलगाम हमले की जांच, और संघर्षविराम के बाद की सुरक्षा रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

सख्त कार्रवाई से आतंकियों में हड़कंप

जम्मू-कश्मीर में तेज़ होती इन कार्रवाइयों से आतंकी संगठनों और उनके सहयोगियों में हड़कंप मच गया है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां घाटी को आतंकमुक्त बनाने के मिशन पर काम कर रही हैं, जिसमें स्थानीय सपोर्ट सिस्टम को खत्म करना प्रमुख रणनीति है।

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