अडानी ग्रुप के चेयरमैन को परेशानियों ने घेर लिया है। अमेरिका ने अदाणी ग्रुप पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए है। ये सारी चीजों को लेकर अमेरिकी कोर्ट में उनके खिलाफ अभियान चला है। धोखाधड़ी के मामले को लेकर अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

अडानी ग्रुप के चेयरमैन और देश के दूसरे सबसे अमीर बिजनेसमैन गौतम अडानी बड़ी मुसीबत में घिर चुके है। अमेरिका में अडानी और अन्य सात लोगों पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के लगे है। सारे मामले की सुनवाई अमेरिका की कोर्ट में हुई है। अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुए है। रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में नाम आने के बाद अडानी ग्रुप ने अमेरिका में 600 मिलियन डॉलर का बॉन्ड रद्द कर दिया है।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार अभियोजकों ने बुधवार को आरोप की घोषणा की । अमेरिका ने उन पर अपनी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर या करीब 2236 करोड़ रुपए की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगाया गया है। आरोप अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। अडानी ग्रुप की ओर से जारी किए गए इस स्टेटमेंट में गया है कि ये आरोप है और जब तक ये साबित नहीं हो जाता , तब तक प्रतिवादी निर्दोष माना जाता है

आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता राहुल गांधी ने कहा, “जहां भी भ्रष्टाचार है, वहां जांच होनी चाहिए। लेकिन जांच की शुरुआत अडानी से होगी। जब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक यह विश्वसनीय नहीं होगी। इसलिए, इसकी शुरुआत वहीं से करें। अडानी को गिरफ्तार करें, उनसे पूछताछ करें और फिर जो भी इसमें शामिल है, उसे पकड़ें। अंत में नरेंद्र मोदी का नाम सामने आएगा क्योंकि भाजपा की पूरी फंडिंग उन्हीं के हाथ में है। इसलिए, अगर प्रधानमंत्री चाहें तो भी वे कुछ नहीं कर सकते। एक तरह से अडानी ने देश को हाईजैक कर लिया है। भारत अडानी की गिरफ्त में है।