Babulal Marandi और Raghubar Das की अहम मुलाकात: अमित शाह के निर्देश पर बदल रही झारखंड BJP की रणनीति?

Babulal Marandi और Raghubar Das की अहम मुलाकात: अमित शाह के निर्देश पर बदल रही झारखंड BJP की रणनीति?

रांची/दुमका: झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो कद्दावर नेता – प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। खास बात यह है कि यह मुलाकात आम नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद हुई मानी जा रही है।


दुमका में हुई निजी भेंट, संकेत गहरे हैं

यह मुलाकात झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के गढ़ कहे जाने वाले दुमका में हुई। रघुवर दास पहले से निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वहां पहुंचे थे, जबकि बाबूलाल मरांडी ने विशेष रूप से रांची से दुमका जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह पहली बड़ी निजी बातचीत मानी जा रही है, जो रघुवर दास की सक्रिय राजनीति में वापसी के बाद हुई है।


प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर कयास तेज

BJP में जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव प्रस्तावित है। इस मुलाकात को उस संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि रघुवर दास इस पद के एक प्रबल दावेदार हैं। वह पिछले कुछ समय से लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं, कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं और पार्टी में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह झारखंड की राजनीति में ही सक्रिय रहना चाहते हैं, और उनकी यह कोशिश उन्हें संगठन के शीर्ष पद तक पहुंचा सकती है।


संघठन में एकता की जरूरत, गुटबाज़ी सबसे बड़ी चुनौती

BJP के लिए यह समय आंतरिक एकजुटता का है। विधानसभा चुनाव में करारी हार और संगठन की कमजोरी के बाद पार्टी अभी हाशिये पर दिख रही है। कार्यकर्ताओं में निराशा है और कई नेता आपसी गुटबाज़ी में उलझे हैं। बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास जैसे दिग्गजों का एक मंच पर आना संगठन को नई दिशा दे सकता है।

यदि इन दोनों नेताओं के साथ अर्जुन मुंडा और अन्य वरिष्ठ नेता एकजुट होकर मैदान में उतरें, तो यह गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा और INDIA गठबंधन को चुनौती दे सकता है।


भविष्य की दिशा तय करेगा नया अध्यक्ष

प्रदेश अध्यक्ष का चयन यह संकेत देगा कि भाजपा झारखंड में किस दिशा में आगे बढ़ेगी और हेमंत सोरेन सरकार को कितनी चुनौती दे सकेगी। अगर केंद्रीय नेतृत्व गुटबाजी छोड़कर जनाधार वाले नेताओं को बढ़ावा देता है, तो पार्टी का आधार मजबूत हो सकता है।


निष्कर्ष

बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास की यह मुलाकात केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संकेत है। पार्टी नेतृत्व अगर इस संकेत को समझता है और संगठन में ज़रूरी बदलाव करता है, तो BJP झारखंड में फिर से मजबूत होकर उभर सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *