बेगूसराय, बिहार: जिले में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को अलग-अलग थाना क्षेत्रों में बाढ़ के पानी में डूबने से मां-बेटी समेत सात लोगों की मौत हो गई। सभी घटनाएं गंगा नदी, तालाब और बाढ़ से प्रभावित इलाकों में हुईं, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है।
विभिन्न क्षेत्रों में हुई दर्दनाक घटनाएं
- शाम्हो: सलाह सैदपुर बरारी-1 पंचायत के धनाहा टोला में 26 वर्षीय बंदना देवी अपनी 7 साल की बेटी अनन्या को बचाने के प्रयास में खुद भी तेज बहाव में डूब गईं।
इसी पंचायत के बिजलियां वार्ड-9 निवासी 32 वर्षीय किसान धीरज कुमार सिंह चारा लाने के दौरान बाढ़ के पानी में बह गए। - चकिया: रूप नगर वार्ड-5 के 21 वर्षीय गौतम कुमार की नहाते समय डूबने से मौत हो गई।
- बछवारा: दादपुर वार्ड-15 निवासी 45 वर्षीय अशोक यादव नाव नहीं मिलने पर पैदल घर लौटते समय गहरे पानी में डूब गए।
- साहेबपुर कमाल: सलेमाबाद में ननिहाल आई 2 वर्षीय अंजली कुमारी घर के आंगन से बाहर निकलते ही बाढ़ के पानी में समा गई।
- मटिहानी: 83 वर्षीय जगदीश सिंह भावानंदपुर घाट के पास शौच के लिए गए थे, जहां पैर फिसलने से नदी में गिरकर उनकी मौत हो गई।
प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप
घटनाओं के बाद इलाके में मातम का माहौल है। सीपीई के राज्य परिषद सदस्य अनिल अंजान ने प्रशासन पर राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बाढ़ से पहले बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन जमीन पर नाव, भोजन और सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था नदारद है, जिससे लोग अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं।
विधायक का आश्वासन
जदयू विधायक राजकुमार सिंह ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि सरकार इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा और बाढ़ से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रशासन की अपील
विपक्ष ने राहत वितरण में लापरवाही और नाव जैसी सुविधाओं की कमी को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि राहत और बचाव कार्य जारी हैं। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि बिना आवश्यकता पानी में न उतरें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।