भारत का पाकिस्तान पर बड़ा एक्शन: पहलगाम हमले के बाद सभी आयातों पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, IWT पर भी कड़ा रुख |

भारत का पाकिस्तान पर बड़ा एक्शन: पहलगाम हमले के बाद सभी आयातों पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, IWT पर भी कड़ा रुख |

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा आर्थिक निर्णय लिया है। अब पाकिस्तान से किसी भी प्रकार का आयात नहीं किया जाएगा, चाहे वह प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष।

नई दिल्ली, 3 मई 2025 – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से होने वाले सभी प्रकार के आयातों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस प्रतिबंध के तहत अब पाकिस्तान से कोई भी वस्तु, चाहे वह सीधे आयात हो या किसी तीसरे देश के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से भारत में लाई जाए, उसकी अनुमति नहीं होगी। यहां तक कि वे उत्पाद भी इस दायरे में आएंगे, जिन्हें विशेष लाइसेंस के तहत अब तक आयात किया जा रहा था।


🔍 क्या है सरकार की रणनीति?

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक नीति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देने की रणनीति के तहत लिया गया है। केंद्र सरकार का मानना है कि इस प्रकार का आर्थिक दबाव पाकिस्तान को यह समझाने में कारगर होगा कि भारत अब आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा


📉 पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिगड़े रिश्ते

गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयावह आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है। इसके बाद से भारत ने पाकिस्तान के प्रति राजनयिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर कड़ा रुख अपना लिया है।


🌊 सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) पर भारत का सख्त रुख

भारत ने पाकिस्तान के साथ वर्ष 1960 में हुई सिंधु जल संधि (IWT) को लेकर भी आक्रामक रुख अपनाया है। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत भारत को रावी, व्यास और सतलुज नदियों पर नियंत्रण है, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब पाकिस्तान को मिली हैं।

हालांकि, भारत को इन पश्चिमी नदियों पर सीमित जल परियोजनाएं बनाने की अनुमति है, लेकिन अब सरकार इस संधि की समीक्षा पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, भारत संधि के उन प्रावधानों को पुनः परिभाषित करने की दिशा में काम कर सकता है, जो वर्तमान हालात में भारत के लिए बाधक बन रहे हैं।


🔚 निष्कर्ष:

पहलगाम हमले के बाद भारत का यह निर्णय न केवल पाकिस्तान को आर्थिक रूप से झटका देगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों के साथ भारत का कोई भविष्य नहीं है। यह एक बड़ा और निर्णायक मोड़ हो सकता है भारत-पाक संबंधों में।

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