नई दिल्ली: भारत की प्रसिद्ध पर्वतारोही और प्रेरक वक्ता अनीता कुंडू ने आज से नेपाल की अन्नपूर्णा चोटी (8,091 मीटर) की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई शुरू कर दी है। यह अभियान लगभग एक माह तक चलेगा, और उनका लक्ष्य इस ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराना है।

अभियान का महत्व
अनीता कुंडू की इस साहसिक यात्रा के बारे में उनके जनसंपर्क अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि अन्नपूर्णा को दुनिया की सबसे खतरनाक पर्वत चोटियों में से एक माना जाता है। इस शिखर को पहली बार 3 जून 1950 को मौरिस हर्जोग और लुइस लाचेनल ने फतह किया था। अनीता के साथ इस अभियान में लगभग 15 अन्य पर्वतारोही भी शामिल हैं।
‘नशा मुक्त हरियाणा’ अभियान के साथ पर्वतारोहण
अनीता कुंडू का यह अभियान सिर्फ एक पर्वतारोहण मिशन नहीं, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता पहल भी है। इस वर्ष उनके अभियान की थीम ‘नशा मुक्त हरियाणा’ है। वह युवाओं को अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने और नशे से दूर रहने का संदेश दे रही हैं। उनका मानना है कि “स्वस्थ शरीर और मजबूत मानसिकता से ही ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।”
अनीता कुंडू की उपलब्धियां
अनीता कुंडू अब तक कई ऐतिहासिक पर्वतारोहण उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं:
- तीन बार माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) फतह कर चुकी हैं।
- 2013 में नेपाल मार्ग से हरियाणा की पहली महिला पर्वतारोही बनीं।
- 2017 में तिब्बत (चीन) मार्ग से एवरेस्ट पर चढ़ाई कर भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने नेपाल और तिब्बत दोनों ओर से एवरेस्ट फतह किया।
- 2019 में विश्व पर्वतारोहियों का नेतृत्व करते हुए माउंट एवरेस्ट पर भारत का झंडा फहराया।
- सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं, जिनमें शामिल हैं:
- माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) – एशिया
- माउंट एकोनकागुआ (6,961 मीटर) – दक्षिण अमेरिका
- माउंट किलिमंजारो (5,895 मीटर) – अफ्रीका
- माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर) – यूरोप
- माउंट विंसन (4,892 मीटर) – अंटार्कटिका
- माउंट कोजीयसको (2,228 मीटर) – ऑस्ट्रेलिया
- माउंट मकालू (8,485 मीटर) और माउंट मनास्लु (8,163 मीटर)
सम्मान और पुरस्कार
भारत सरकार ने 2020 में अनीता कुंडू को प्रतिष्ठित ‘तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार’ से सम्मानित किया। आमतौर पर यह पुरस्कार सेना, नौसेना या वायुसेना के पूरे दल को दिया जाता है, लेकिन अनीता को व्यक्तिगत रूप से यह सम्मान मिला। इसके अलावा, वह हरियाणा सरकार के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
उनका यह नया पर्वतारोहण अभियान न केवल भारत के साहसिक खेलों में एक और कीर्तिमान जोड़ सकता है, बल्कि युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।