धनबाद (झारखंड): पूर्वी टुंडी प्रखंड क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। लगातार नए मरीज सामने आ रहे हैं। रविवार को चार नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि घोषालडीह गांव की एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस गंभीर स्थिति ने एक बार फिर गांवों की स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी सुविधाओं की पोल खोल दी है।
एंबुलेंस तक खाट पर ले जानी पड़ी महिला
घोषालडीह गांव के भोक्ता टोला (दलित बस्ती) में रहने वाली 65 वर्षीय बुंदिया भोक्ताईन डायरिया से गंभीर रूप से बीमार हो गई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने 108 एंबुलेंस भेजी, लेकिन गांव तक सड़क न होने के कारण गाड़ी नहीं पहुंच सकी। मजबूर होकर महिला के बेटों ने अपनी मां को खाट पर लादकर करीब 500 मीटर दूर सड़क तक पहुंचाया। वहां से एंबुलेंस से उन्हें एसएनएमएमसीएच धनबाद ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद महिला की मौत हो गई। इस घटना ने ग्रामीण इलाकों की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी को उजागर कर दिया।
एक दर्जन से ज्यादा नए मरीज
लटानी पंचायत के सिंगरायडीह और रघुनाथपुर पंचायत के घोषालडीह व गोपीनाथडीह गांव में रविवार को करीब एक दर्जन नए डायरिया मरीज मिले। डॉक्टर विकास राणा की टीम ने सुबह गांव का दौरा किया और पीड़ित परिवारों को दवा उपलब्ध कराई। गंभीर स्थिति में चार मरीजों को अस्पताल रेफर किया गया है।
हर दिन बढ़ रहे मामले
पिछले कुछ दिनों से डायरिया के मरीज लगातार अलग-अलग गांवों से सामने आ रहे हैं। खासकर आदिवासी और दलित बस्तियों में हालात ज्यादा खराब हैं। स्वास्थ्य सेवाएं निचले स्तर तक नहीं पहुंच पाने के कारण लोग और भी अधिक परेशान हैं। कुछ दिन पहले लटानी आदिवासी टोला के गणेश मरांडी की भी मौत डायरिया से हो गई थी।
झाड़-फूंक पर भरोसा कर रहे ग्रामीण
गंभीर बीमारी के बावजूद कई ग्रामीण अभी भी झाड़-फूंक और पारंपरिक इलाज पर भरोसा कर रहे हैं। डॉक्टर राणा ने बताया कि सिंगरायडीह गांव के कुछ मरीजों को परिवार वाले झाड़-फूंक के लिए बाहर ले गए थे। डॉक्टर ने समझाया कि उचित इलाज और दवा के बिना मरीज की हालत बिगड़ सकती है और समय रहते अस्पताल पहुंचाना ही बेहतर विकल्प है।
दूषित पानी और गंदगी बनी मुख्य वजह

गांवों के मुखियाओं का कहना है कि बारिश के कारण कुओं के आसपास गंदगी और दूषित पानी जमा हो रहा है। ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव न होने से हालात और बिगड़ गए हैं। ग्रामीण अधिकतर कुएं के पानी पर निर्भर हैं, जो संक्रमण का मुख्य कारण बन रहा है। कई घरों में साफ-सफाई की स्थिति भी बेहद खराब पाई गई है।