दिशा समिति के सदस्य देवेश तिवारी ने कहा जीएसटी दरों में ऐतिहासिक सुधार : मोदी सरकार का आमजन और उद्योग जगत के हित में बड़ा कदम

दिशा समिति के सदस्य देवेश तिवारी ने कहा जीएसटी दरों में ऐतिहासिक सुधार : मोदी सरकार का आमजन और उद्योग जगत के हित में बड़ा कदम

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में व्यापक सुधार करते हुए देशवासियों को एक ऐतिहासिक सौग़ात दी है। यह सुधार केवल कर दरों के पुनर्गठन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को नई गति देने, महंगाई पर नियंत्रण करने और जनसामान्य को प्रत्यक्ष राहत पहुँचाने वाला कदम है।

15 अगस्त 2025 को लाल क़िले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट संकेत दिया था कि त्यौहारों से पूर्व देशवासियों को एक विशेष तोहफ़ा मिलेगा। सरकार ने अपने वचन के अनुरूप जीएसटी की जटिल कर संरचना को सरल बनाते हुए इसे केवल दो दरों—5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत—तक सीमित कर दिया है। इससे न केवल कराधान प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी बल्कि व्यापार जगत को भी सहूलियत मिलेगी।

इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ सीधे आम उपभोक्ताओं को मिलेगा। रसोई से लेकर रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी वस्तुएँ—जैसे गैस सिलेंडर, आटा, दूध, पनीर, ब्रेड, पराठा और नमकीन—अब और सस्ती हो गई हैं। त्योहारों के मौसम में यह राहत परिवारों के बजट पर सकारात्मक असर डालेगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भी मोदी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर लगने वाला 18 प्रतिशत जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। सभी दवाओं और औषधियों पर 5 प्रतिशत की रियायती दर लागू होगी, जबकि कैंसर की दवाओं पर शून्य प्रतिशत जीएसटी रखा गया है। इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ और बीमा योजनाएँ आम नागरिकों की पहुँच में आएँगी।

परिवहन क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव किया गया है। छोटी कारों, तिपहिया वाहनों और 350 सीसी से कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर अब जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इस निर्णय से मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी और ऑटोमोबाइल उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

किसानों को भी इस सुधार का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई प्रणाली और कटाई मशीनरी जैसी कृषि उपकरणों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। इससे किसानों की उत्पादन लागत कम होगी और कृषि क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा।

उद्योग और सेवाओं को भी मोदी सरकार ने राहत प्रदान की है। एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, टीवी और मॉनिटर अब केवल 18 प्रतिशत कर श्रेणी में आ गए हैं, जबकि पहले बड़ी स्क्रीन वाले टीवी और मॉनिटर पर 28 प्रतिशत कर लगता था। इसी प्रकार, सैलून, फिटनेस सेंटर और योग सेवाओं पर अब मात्र 5 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा, जो पहले 18 प्रतिशत था।

इन सभी सुधारों का उद्देश्य केवल कर दरों को घटाना नहीं है, बल्कि व्यापक दृष्टि से देखा जाए तो यह देश के आर्थिक ढाँचे को मजबूत बनाने और “Ease of Doing Business” को नई ऊँचाई देने वाला कदम है। इससे आमजन की जेब में राहत पहुँचेगी, किसानों की उत्पादन लागत घटेगी, लघु व मध्यम उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण मिलेगा और स्वास्थ्य सेवाएँ अधिक सुलभ होंगी।

मोदी सरकार का यह निर्णय एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि वर्तमान सरकार केवल अवसंरचना विकास पर ही नहीं, बल्कि समावेशी विकास पर बल देती है—जहाँ किसान, मज़दूर, व्यापारी, उद्यमी और मध्यमवर्गीय उपभोक्ता सभी समान रूप से लाभान्वित हों। यह सुधार प्रधानमंत्री जी के उस कथन को साकार करता है जिसमें उन्होंने कहा था कि “अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज़ में बैठेगा।”

आज का यह सुधार न केवल महंगाई पर अंकुश लगाने का प्रयास है, बल्कि यह भारत को एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक और सशक्त कदम है।

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