हार मंजूर लेकिन नेता पुत्रो को टिकट नहीं ….

हार मंजूर लेकिन नेता पुत्रो को टिकट नहीं ….

झारखंड में विधानसभा चुनाव के लेकर अलग ही माहोल बना हुआ है । और हर दिन कुछ न कुछ अनोखा देखने को मिल रहा है। ऐसे में सभी पार्टीयों ने अपनी कैंडिडेट लिस्ट भी जारी कर दी है । दैनिक भास्कर का एक रिजॉर्ट सामने आया है जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा हमें हर मंजूर है लेकिन नेता पुत्रों को टिकट नहीं ।

हम वंशवाद की राजनीति के खिलाफ है। अगर हम ऐसा नहीं करते है , तो कौन सा कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करना चाहेगा।उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जब सब कुछ परिवारों द्वारा ही चलाया जाना है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता नहीं मिल रहे है ,एक बार उन्होंने फिर साबित कर दिया कि बीजेपी परिवारवादी है और बताए कि जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास की बहु पूर्णिमा दस साहू को टिकट मिला है, वही पोटका से अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को ,चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन , मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा , रघुनंदन मंडल के पुत्र अमित मंडल , गीता श्री उरांव की पत्नी अरुण उरांव, हेमंत शाही के पुत्र भानू प्रताप शाही , मनोज कुमार की पत्नी पुष्पा देवी, अनिल चौरसिया का पुत्र आलोक चौरसिया, उपेंद्र नाथ के पुत्र उज्ज्वल दस ओर ढुलू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो को टिकट देना परिवारवाद के दायरे में आता है या नहीं। वही बीजेपी में महिला सशक्तिकरण का नायब उदाहरण है , पार्टी के किसी बड़े नेता की बहु , पत्नी और बेटे को टिकट दिया जाना।


वही यह कुछ बड़े सवाल भी उठ रहे है कि रघुवर दास और अर्जुन मुंडा जैसे बडे नेताओं को चुनाव से दूर क्यों रखा जा रहा है? कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं को कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट से बचाने के लिए बाहर रखा गया है.
ऐसे में इस बार विधानसभा सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को न केवल विपक्ष से लड़ना है बल्कि अपनी पार्टी की
बगावत से भी जूझना होगा। लिस्ट जारी होने से पहले ही कुछ नेताओं का नाराजी देखने को मिला । अब ये देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा ये सारी चुनौतियों का सामना कैसे करती है ।

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