“हेमंत सरकार से जान का खतरा: बाबूलाल मरांडी ने उठाया गंभीर आरोप, कहा- डराने की ली गई सुपारी”

“हेमंत सरकार से जान का खतरा: बाबूलाल मरांडी ने उठाया गंभीर आरोप, कहा- डराने की ली गई सुपारी”

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा— सरकार समर्थित भ्रष्ट अधिकारी उन्हें और उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने की रच रहे हैं साजिश।
गिरिडीह (झारखंड)। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। गिरिडीह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मरांडी ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को सरकार से जान का खतरा है। उनका दावा है कि विश्वस्त सूत्रों से उन्हें जानकारी मिली है कि सरकारी संरक्षण प्राप्त भ्रष्ट अधिकारियों ने उन्हें डराने और नुकसान पहुंचाने की साजिश रची है।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रविवार रात उन्हें जानकारी मिली कि पहले की तरह एक बार फिर उन्हें डराने के लिए “सुपारी” दी गई है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ एक गंभीर हमला बताया।

“भ्रष्ट अधिकारी रच रहे साजिश”

मरांडी का आरोप है कि कुछ “महाभ्रष्ट और षड्यंत्रकारी” अधिकारी, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी हैं, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे, फर्जी स्टिंग ऑपरेशन, और यहां तक कि शारीरिक हमले की भी योजना बना रहे हैं।

“हम पर या हमारे करीबी लोगों पर कभी भी हमला हो सकता है। फर्जी केस से लेकर चरित्र हनन तक की कोशिश हो रही है,” – बाबूलाल मरांडी

“जनता की आवाज बनकर खड़ा हूं”

मरांडी ने कहा कि वह केवल नेता प्रतिपक्ष के रूप में नहीं, बल्कि उन सभी झारखंडवासियों की आवाज के रूप में खड़े हैं जिन्हें सरकार ने डराने, चुप कराने या ठगने की कोशिश की है। उन्होंने साफ कहा कि वह सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।

“घोटालों को उजागर करने की कीमत”

बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में बालू, पत्थर, कोयला और जमीन माफिया के साथ-साथ जेएसएससी-जेपीएससी परीक्षा घोटाले, ग्रामीण योजनाओं में घपले और शराब घोटाले जैसे मामलों का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इन्हीं खुलासों की वजह से वह निशाने पर हैं

2013 में भी मिली थी जान से मारने की सुपारी

मरांडी ने याद दिलाया कि वर्ष 2013 में जब केंद्र और राज्य दोनों जगह यूपीए सरकार थी, तब भी उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। उस वक्त दुमका के शिकारीपाड़ा क्षेत्र में नक्सलियों को सुपारी दी गई थी, लेकिन समय रहते उनकी सुरक्षा में सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई थी।

“लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाना अपराध”

प्रेस वार्ता के अंत में मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाना सबसे बड़ा अपराध है और वह ऐसे किसी भी प्रयास से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जनता की लड़ाई को वह हर हाल में जारी रखेंगे।

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