झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से शुरू होगा। सत्ता पक्ष रिपोर्ट कार्ड पेश करेगा, जबकि विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में।
शीतकालीन सत्र में टकराव तय—झारखंड विधानसभा में सत्ता और विपक्ष आमने-सामने
Ranchi: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा। यह सत्र पांच कार्यदिवस का होगा और इससे पहले राजनीतिक दलों की रणनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। सरकार जहां अपने कार्यकाल के उपलब्धियों को पेश करने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी कर रहा है।
सत्र से पहले होगी बैठकों की बारिश — सभी दल बनाएंगे रणनीति
सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने 4 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
इसके साथ ही पार्टियों ने भी अपनी रणनीतिक बैठकों का कैलेंडर तय कर लिया है:
- 4 दिसंबर: कांग्रेस विधायक दल की बैठक
- 4 दिसंबर शाम: महागठबंधन की संयुक्त बैठक, सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में
- 7 दिसंबर: भाजपा विधायक दल की बैठक
इन बैठकों में सत्र के दौरान बहस, मुद्दों और जवाबी रणनीति पर मंथन होगा।
सत्र की प्रमुख रूपरेखा — क्या-क्या होगा खास?
सत्र के दौरान निम्न बिंदु प्रमुख रहेंगे:
- 🗓 तारीख: 5 से 11 दिसंबर
- 🏛 कार्य दिवस: कुल 5
- 💼 8 दिसंबर: अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा
- ❓ चार दिनों तक प्रश्नकाल चलाया जाएगा
- 📜 महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा और पारित होने की संभावना
किन मुद्दों पर गर्माएगा सदन? कौन कहां खड़ा होगा?
BJP की रणनीति
- सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर जारी किए गए आरोप पत्र को आधार बनाते हुए भाजपा सदन में आक्रामक रुख दिखाएगी।
कांग्रेस का फोकस
- विपक्ष की आलोचना का जवाब देने और विभागीय योजनाओं की समीक्षा पर जोर रहेगा।
JMM और गठबंधन की तैयारी
- गठबंधन के भीतर समन्वय मजबूत करना और विपक्षी सवालों का जवाब तैयार करना एक बड़ा एजेंडा रहेगा।
राजनीतिक माहौल में बढ़ी हलचल — क्या होगा सत्र का स्वरूप?
सत्र की शुरुआत से पहले रांची और दिल्ली दोनों जगह राजनीतिक गतिविधियों का दौर तेज है।
ऐसे में माना जा रहा है कि यह शीतकालीन सत्र सामान्य नहीं बल्कि काफी गर्म और राजनीतिक रूप से अहम रहने वाला है।

