जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीते 16 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टाटानगर में हुए मोदी जी के कार्यक्रम को लेकर कई सारे सवाल उठाते और तंज कसते हुए कहा
प्रधानमंत्री का सड़क मार्ग से जाने और जमशेदपुर में जनसभा को संबोधित करना,कोई प्रधानमंत्री चुनावी सभा के लिए 130 km सड़क मार्ग से जाता है क्या ?प्रधानमंत्री अपने संबोधन में कल करमा पर्व की शुभकामनाएं दिया।उन्होंने कहा उनको यह जानकारी होनी चाहिए की यह पर्व मूल रूप से किसका है।जो सरना धर्म से संबंध रखता है उन्ही का यह महापर्व है। सरना धर्म को लेकर आज तक एनडीए गठबंधन सरकार ने कोई भी बात नही की है।वही जातीय जनगणना में सरना धर्म कोड का कहीं से भी उल्लेख नही किया गया है।इस मौके पर उन्होंने सवाल करते हुए कहा की कल जो जमशेदपुर में सरकारी कार्यक्रम था उसमे रेल मंत्री क्यों नही आए? उन्होने बोला की जब कोई भी सरकारी कार्यक्रम होता है तो उसमें प्रोटोकॉल के अनुसार स्थानीय मंत्री, सांसद और जन प्रतिनिधि शामिल होते है। लेकिन इस कार्यक्रम में तो ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया और यह कार्यक्रम पूरी तरह से एक पार्टी तक सिमट कर रह गई। टाटानगर के किसी भी स्थानीय विधायक को नहीं बुलाया गया, सिर्फ बीजेपी के पराजित प्रत्याशी मौजूद रहे.।और साथ ही साथ आपने सरकार की तारीफ करते हुए कहा हमारे सरकार भी सरकारी कार्यक्रम करती है लेकिन स्थानीय जन प्रतिनिधि का सम्मान के साथ बैनर पोस्टर में नाम लिखा रहता है।बताते चले की उन्होंने मोदी जी पर तंज कसते हुए कहा की अब तो प्रधानमंत्री को भी डर लगने लगा है और इसी कारण से उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में बदलाव भी किया गया है। उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली तो इन्ही की सरकार के समय बनाए गए। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में नतीजा दिख रहा है अब सिर्फ औपचारिकता बाकी रह गया है। लेकिन इनको सिर्फ झारखंड ही दिखाई दे रहा है।
कोई प्रधानमंत्री चुनावी सभा के लिए 130 km सड़क मार्ग से जाता है क्या ? यानी सत्ता के ये कुछ भी करेंगे। अगर बारहगोड़ा भी जाना होता तो वहां भी जाते यानी सत्ता पाने के लिए इतने आतुर हैं ।संभावित हार का डर इनको सताने लग गया है। कोई भी सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक दल से नही जोड़ा जाना चाहिए।