धनबाद/झारखंड:
संकल्प और संघर्ष जब साथ हों, तो किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है धनबाद के पुटकी थाना क्षेत्र की रहने वाली अनीता टुडू ने, जिन्होंने पहले ही प्रयास में JPSC परीक्षा पास कर झारखंड प्रशासनिक सेवा में सफलता हासिल की है। बेहद साधारण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से ताल्लुक रखने वाली अनीता की सफलता की कहानी आज पूरे झारखंड को प्रेरित कर रही है।
मिट्टी के घर से निकली सफलता की कहानी
अनीता टुडू जवाहर नगर केंदुआडीह बस्ती में एक जर्जर मिट्टी के घर में रहती हैं, जहां न शौचालय है और न ही पीने के पानी की सुविधा। उनकी मां तुलसी देवी सब्जी बेचने का काम करती हैं और उसी से घर चलता है। तमाम कठिनाइयों के बावजूद अनीता ने JPSC में 278वीं रैंक हासिल की है।
बी.डी.ओ बनने की प्रेरणा कैसे मिली?
अनीता मूल रूप से गिरिडीह के भीतिया गांव की रहने वाली हैं। साल 2022 में जब उन्हें एक प्रमाण पत्र के लिए बार-बार प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटने पड़े, तब उन्हें महसूस हुआ कि आम लोगों को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है। इसी अनुभव ने उन्हें प्रशासनिक सेवा में जाने की प्रेरणा दी।
सेल्फ स्टडी और यूट्यूब से मिली मदद
अनीता ने मैट्रिक में 84%, इंटरमीडिएट में 69%, और स्नातक में अकाउंट्स ऑनर्स से 69% अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने 2023 में रांची में रहकर खुद से पढ़ाई शुरू की और “डीएसपी की पाठशाला” नामक यूट्यूब चैनल से मार्गदर्शन प्राप्त किया। यह चैनल डीएसपी विकास श्रीवास्तव द्वारा संचालित है, जिन्होंने अनीता की तैयारी में अहम भूमिका निभाई।
परिवार और समाज का साथ बना सहारा
अनीता की मां तुलसी देवी ने पांच बच्चों की परवरिश अकेले की है। उनके संघर्ष में उनकी नानी, मौसी, मामा, पड़ोसी और शिक्षक सभी ने भरपूर सहयोग किया। स्थानीय शिक्षक रंजन प्रसाद महतो और पड़ोसी प्रेम महतो ने भी उनका मनोबल बढ़ाया।
सपना अब IAS बनने का
JPSC में सफलता के बाद अब अनीता का अगला लक्ष्य IAS बनकर देश सेवा करना है। उनका मानना है कि अगर जज़्बा हो तो हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, मंजिल जरूर मिलती है।