रांची: दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद पूरे झारखंड में शोक की लहर है। इस बीच, उनकी बहू और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया है। अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर उन्होंने गुरुजी के प्रति अपने गहरे भाव व्यक्त किए और उन्हें न केवल अपना ससुर बल्कि पूरे झारखंड का “बाबा” बताया।
“आपके जाने से सहारा खो दिया”
कल्पना सोरेन ने लिखा—
“जब पूरा देश आपको अश्रुपूरित नेत्रों से विदा कर रहा है, मैंने एक कोना पकड़ लिया है। अपनी आधी जिंदगी जिस वटवृक्ष के साये में महफ़ूज होकर काटी, आज आपके जाने से वह बेटी-सी बहू अपनी टूटी हुई हिम्मत बटोरने का साहस नहीं कर पा रही है।”
“आप झारखंड के हर बेटे-बेटी के बाबा थे”
कल्पना ने कहा कि शिबू सोरेन केवल उनके ससुर नहीं थे, बल्कि जंगलों में जन्मे हर उस बच्चे के बाबा थे, जिसने संघर्ष को पहली सांस में महसूस किया।
उन्होंने गुरुजी की सादगी, धैर्य और लोगों की बात सुनने की आदत को याद करते हुए लिखा—
“आप हर किसान की चिंता, हर महिला का दर्द, हर मां की खामोशी और हर झारखंडी के अरमान को सुनते थे।”
“आपके पास बड़ी डिग्रियों से भी बड़ी दृष्टि थी”
उन्होंने कहा कि गुरुजी ने राजनीति को परिवार की तरह जिया, जहां सत्ता से ज्यादा संबंधों का सम्मान था।
“आपने झारखंड को खड़ा किया और हमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। जब आप ‘झारखंड’ कहते थे, तो वह शब्द भूगोल नहीं, बल्कि संवेदना बन जाता था।”
“आप पिता, संत और तपस्वी थे”
कल्पना सोरेन ने आगे लिखा—
“मैंने आपको कभी पिता की तरह देखा, कभी एक संत की तरह और कभी एक तपस्वी की तरह, जो सत्ता या वाहवाही नहीं चाहता था, बल्कि अपनी माटी और अपने लोगों की इज्जत चाहता था।”
उन्होंने कहा कि गुरुजी की चाल की गूंज और उनकी चप्पलों की खामोशी हमेशा झारखंड के गांव-गांव में महसूस होगी।
“मैं आपकी बहू नहीं, बेटी हूं”
पोस्ट के अंत में कल्पना ने लिखा—
“मैं आपकी बहू नहीं, बेटी हूं। वादा करती हूं कि आपका नाम सिर्फ इतिहास में नहीं रहेगा, बल्कि हर लड़की के साहस, हर गांव के संघर्ष और झारखंड की हर सांस में जीवित रहेगा। आपके बिना जीना मुश्किल है, पर आपके सपनों को जीना अब हमारा धर्म है।”