झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना में सामने आई अनियमितताओं को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर योजना का लाभ लेने वाली कई महिलाओं को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें दो दिनों के भीतर पूरी राशि वापस लौटाने का निर्देश दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार को हाल ही में शिकायतें मिली थीं कि कई अपात्र महिलाओं—जिनमें कुछ सरकारी कर्मियों के परिजन और आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की महिलाएं भी शामिल थीं—ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर योजना का लाभ उठाया। जांच के बाद 876 फर्जी लाभार्थियों की पहचान की गई है।
जमशेदपुर में सबसे ज्यादा गड़बड़ी सामने आई, जहां वार्ड सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों ने भी योजना का लाभ गलत तरीके से लिया। स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई लाभार्थियों को नोटिस जारी किए हैं और उन्हें दो दिनों में योजना की राशि लौटाने के लिए कहा गया है। आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिया है कि मंईयां सम्मान योजना के तहत मिलने वाले लाभ का फिजिकल वेरिफिकेशन सुनिश्चित करें, जिससे केवल पात्र महिलाओं को ही योजना का फायदा मिल सके।
सरकार ने आगे की गड़बड़ियों को रोकने के लिए आधार सीडिंग अनिवार्य कर दी है। अब किसी भी लाभार्थी को योजना की राशि तभी दी जाएगी, जब उसका बैंक खाता आधार से जुड़ा होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी लाभुकों को योजना से बाहर किया जा सकेगा।