रांची: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस हमले के बाद झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रहे हैं।
मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, “यह एक बेहद दुखद और निंदनीय घटना है। जब राज्य के नागरिकों की जान सुरक्षा के अभाव में चली जाए, तो नेतृत्व को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हिमाचल के मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।”
हालांकि, बयान वायरल होने के बाद उपजे विवाद के बीच सुदिव्य कुमार ने सफाई दी कि उनका यह बयान व्यंग्यात्मक था। उन्होंने स्पष्ट किया कि, “जब इतने बड़े हमले के बाद कोई प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से इस्तीफा नहीं मांग रहा, तो फिर हम व्यंग्य करते हुए बोले कि चलिए, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से ही इस्तीफा मांग लेते हैं।”

बीजेपी का तीखा हमला
मंत्री के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर कहा, “सुदिव्य कुमार का बयान न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह उनके भीतर छिपे अहंकार को भी दर्शाता है। जब देश एक गहरे सदमे में है, तब इस तरह की टिप्पणियां बेहद शर्मनाक हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं उन्हें एक जिम्मेदार नेता मानता था, लेकिन इस तरह का बयान झारखंड की जनता को भी शर्मिंदा करता है। ऐसी घटनाओं के समय जब संवेदना और एकजुटता की जरूरत होती है, तब इस प्रकार की टिप्पणियां पूरी तरह से अनुचित हैं।”
विवाद की जड़ में ‘व्यंग्य’ या असंवेदनशीलता?
सुदिव्य कुमार के बयान को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। जहां एक ओर वह इसे व्यंग्य बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे गंभीर असंवेदनशीलता के रूप में देख रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच चर्चा किस दिशा में जाती है।