नई दिल्ली / श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर है। इस हमले में बचे लोगों के बयान आतंकियों की क्रूरता को उजागर कर रहे हैं।
कर्नाटक के शिवमोगा से आए पर्यटकों में से एक महिला पल्लवी ने बताया कि आतंकियों ने उसके पति मंजुनाथ को गोलियों से छलनी कर दिया, लेकिन उसे यह कहकर छोड़ दिया, “जाओ, तुम्हें नहीं मारता… मोदी को जाकर बता देना।” पल्लवी उस भयावह क्षण को याद करते हुए अपने बच्चे को गले लगाकर रोने लगी और बोली – “हमें क्या पता था कि एक यात्रा हमारी जिंदगी को तबाह कर देगी।”
हमले का चश्मदीद बयान – आतंकियों ने पीएम मोदी को कोसा
घटना के दौरान मौजूद एक अन्य चश्मदीद, पुणे निवासी व्यवसायी की बेटी असावरी जगदाले ने भी आतंकियों की क्रूरता का ब्योरा दिया। उसने बताया कि आतंकियों ने उसके पिता संतोष जगदाले से आयत पढ़ने को कहा, और जब वे नहीं पढ़ पाए, तो उन्हें गोली मार दी गई।
“मोदी को जाकर बता देना” – आतंकियों के इरादे साफ
पल्लवी ने कहा कि आतंकियों ने जानबूझकर उसे छोड़ते हुए यह संदेश दिया कि “मोदी को जाकर बता देना।” यह साफ करता है कि आतंकियों का इरादा सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि राजनीतिक और मानसिक संदेश देना भी था।
इस हमले में घायल और बचे लोगों के बयान अब सामने आ रहे हैं, जो आतंक के उस मंजर को सजीव कर रहे हैं। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश यात्रा स्थगित कर आपात बैठक बुलाई, और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
देशभर में आक्रोश और कड़ी निंदा
इस निर्दयी हमले की देशभर में कड़ी निंदा की जा रही है। नागरिकों से लेकर राजनीतिक दलों तक, सभी ने इस कायराना हरकत के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। सरकार ने हमले के पीछे द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को ज़िम्मेदार ठहराया है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन है।
