
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने इस साल गर्मी में तीस लाख नए घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। पेय जल संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार भी राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से चलने वाली जन जीवन मिशन के तहत राज्य में बचे हुए 28 लाख घरों तक जल पहुंचाना है, हालांकि जिन घरों को इस योजना के तहत जोड़ा गया है, वहां अभी तक जियो टैगिंग नहीं हुई है।
इस योजना के तहत अब तक सभी चिन्हित जगहों तक पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो जाना था लेकिन काम में शिथिलता की वजह से तीस प्रतिशत घरों में अभी तक जल नहीं पहुंचाया जा सका है। इसके अलावा डीप बोरिंग भी अभी तक नहीं हो पाया है।गौरतलब है कि राज्य के कई जिले ड्राई जोन में बदल जाते हैं। गढ़वा, देवघर, लातेहार, दुमका जैसे कई अन्य जिलों को पेयजल की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां समेकित योजना के तहत ही घरों तक पेयजल पहुंचाया जा सकता है।राज्य में भूगर्भ जल की गंभीर स्थिति बनी हुई है। जल जीवन मिशन योजना के तहत डीप बोरिंग के कारण जल स्तृर में भारी गिरावट आई है। भूगर्भ शास्त्री नीतीश प्रियदर्शी का कहना है कि सरकार को आसपास बहने वाली नदियों और बड़े बांधों के जल तो लोगों को घरों पर विचार करना चाहिए ताकि जल स्तर की गिरावट को रोका जा सके। हालांकि यह इतना आसान भी प्रतीत नहीं होता है क्योंकि नदियों और बांधों के जलों में अत्यधिक प्रदूषण होता है और इसे पीने योग्य बनाना भी सरकार के लिए चुनौती है।