रांची: भारी आर्थिक संकट से जूझ रही हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) में कर्मचारियों का नौकरी छोड़ने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। हटिया कामगार यूनियन के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह के अनुसार, अब तक 40 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी नौकरी छोड़ने के लिए प्रबंधन को आवेदन दे चुके हैं।
उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से वेतन पर्चा (सैलरी स्लिप) मिलना बंद हो गया है, जिससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रबंधन का कहना है कि अब जिस माह का वेतन दिया जाएगा, उसी माह की सैलरी स्लिप भी दी जाएगी। लेकिन कर्मचारियों को डर है कि क्या उन्हें पूरा बकाया वेतन मिलेगा भी या नहीं।
एचईसी को केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग नहीं मिलने के कारण प्रबंधन बकाया वेतन देने में असमर्थ है। इसके चलते न तो वेतन मिल रहा है, न ग्रेच्युटी और न ही लीव सैलरी का भुगतान किया जा रहा है। इस स्थिति में कई अधिकारी व कर्मचारी निजी कंपनियों में जा रहे हैं।
एचईसी में अधिकारियों की संख्या में तेजी से कमी हो रही है। हाल ही में 35 अधिकारियों का तबादला किया गया है और कई को दो से तीन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे काम का दबाव भी बढ़ गया है और प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है।
अगर हालात नहीं सुधरे और समय पर वेतन व वेतन पर्चा नहीं मिला, तो नौकरी छोड़ने का सिलसिला और तेज हो सकता है। इससे उत्पादन पूरी तरह से बंद होने की आशंका है।
एचईसी ऑफिसर्स यूनियन की बैठक आज
एचईसी ऑफिसर्स एसोसिएशन की अहम बैठक मंगलवार को जेएन क्लब, रांची में होगी। इसमें महीनों से लंबित वेतन, सीपीएफ भुगतान, सैलरी स्लिप वितरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, मार्च तक मांगी गई समय सीमा बीत जाने के बावजूद प्रबंधन द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने पर आगे की रणनीति की घोषणा भी की जाएगी।