सितंबर 2024 से भारत में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है |

सितंबर 2024 से भारत में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है |

सितंबर 2024 से भारत में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जो इस बार पूरी तरह से डिजिटल होगी। इस डिजिटल जनगणना के तहत, सभी आंकड़े और जानकारी को ऑनलाइन इकट्ठा किया जाएगा।


वही जातिगत जनगणना को लेकर बहस थमती नही दिख रही है।केंद्रीय स्तर पर भाजपा इसे लेकर विपक्ष पर हमलावर है।
जनगणना में देरी के चलते सरकारी योजनाएं और नीतियां वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़े के हिसाब से बन रही है।
वर्ष 1881 से हर 10 साल के बाद होने वाली जनगणना 2021
में होने थी,लेकिन कोरोना के कारण सरकार इसको टालती रही है।
इस प्रक्रिया को पूरी होने में कम से 2 साल लग जायेगी।
ऐसे में अगर सितंबर में भी ये प्रक्रिया शुरू होती है तो इसका रिजल्ट 2026 के अंतिम या 2027 की शुरुआत में आएगा।
सूत्रों ने बताया ,जनगणना इस बार डिजिटल होगी ।

  1. डिजिटल प्लेटफॉर्म: पहली बार जनगणना का पूरा डेटा डिजिटल माध्यम से लिया जाएगा। इसके लिए विशेष सॉफ़्टवेयर और मोबाइल ऐप्स का उपयोग किया जाएगा।
  2. डेटा सुरक्षा: डिजिटल जनगणना के दौरान डेटा की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जायेगा। सभी डेटा एन्क्रिप्टेड होगा और उसकी सुरक्षा के लिए मजबूत प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे।
  3. प्रशिक्षण: जनगणना में लगे कर्मचारियों को डिजिटल टूल्स और प्रक्रियाओं के बारे में पूरी तरह से ट्रेनिंग दिया जाएगा।
  4. समयसीमा:जनगणना के लिए निर्धारित समयसीमा के अनुसार, डेटा जमा की प्रक्रिया सितंबर 2024 से शुरू होगी और यह 2025 तक जारी रह सकती है।
    मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2011 में सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाई गई थी।

चलिए जानते है की पहले की किस तरह से जनगणना होती थी।

  1. तैयार: जनगणना से पहले सभी आवश्यक डेटा और उपकरण को तैयार किए जाते हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
  2. डेटा संग्रहण: जनगणना कर्मचारी अलग अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों से जानकारी इकट्ठा करते हैं। यह जानकारी कागजी दस्तावेजों पर दर्ज की जाती है।
  3. समीक्षा और जांच: दर्ज किए गए डेटा की समीक्षा और जांच किया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की गलती को ठीक किया जा सके।
  4. आँकड़े संकलन और विश्लेषण: डेटा को संगठित और विश्लेषित किया जाता है ताकि सटीक आँकड़े प्राप्त किए जा सकें।
  5. रिपोर्ट निर्माण: अंतिम आँकड़े और विश्लेषणों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है।
    यह प्रक्रिया तय करती है कि जनगणना की जानकारी सही और सटीक हो, जो भविष्य की योजना और नीतियों के लिए महत्वपूर्ण होती है।

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