Shravani Mela 2025: देवघर में तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार, कांवरिया पथ पर एक जुलाई से बिछेगा गंगा बालू |

Shravani Mela 2025: देवघर में तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार, कांवरिया पथ पर एक जुलाई से बिछेगा गंगा बालू |

देवघर: श्रावणी मेले की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। 11 जुलाई से शुरू हो रहे इस पवित्र आयोजन के लिए देवघर में युद्धस्तर पर कार्य जारी है। प्रशासन का लक्ष्य है कि 5 जुलाई तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। पंडाल निर्माण, सड़क मरम्मत, नाला सुधार और बालू बिछाने जैसे कार्य तेजी से चल रहे हैं।


श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तेजी से बन रहे पंडाल

श्रावणी मेले के लिए कांवरिया पथ, कांवरिया रूट लाइन और मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर पंडालों का निर्माण जोरों पर है। खिजुरिया गेट से बीएन झा रोड तक कांवरिया पथ पर पंडाल बनाए जा रहे हैं। वहीं, पंडित शिवराम झा चौक से लेकर तिवारी चौक, बीएड कॉलेज और नंदन पहाड़ रूट पर भी पंडाल निर्माण कार्य जारी है।


एक जुलाई से बिछेगा गंगा का बालू

श्रद्धालुओं के आराम और सुरक्षित यात्रा को ध्यान में रखते हुए कांवरिया पथ पर गंगा का बालू बिछाया जाएगा। यह कार्य 1 जुलाई से शुरू किया जाएगा। कई स्थानों पर गड्ढों को भरा जा रहा है और सड़क की लेवलिंग का काम भी प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त नंदन पहाड़ मार्ग में नाला निर्माण और पेवर ब्लॉक लगाने का कार्य चल रहा है।


स्वास्थ्य विभाग ने संभाली जिम्मेदारी

श्रावणी मेले के सुचारू संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी कमर कस ली है। सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर के नेतृत्व में विभागीय कोषांगों का गठन किया गया है। चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को मेला अवधि के दौरान विभिन्न कार्य सौंपे गए हैं। 3 जुलाई से सभी कर्मचारियों को अपने कार्य की रिपोर्ट श्रावणी मेला कोषांग कार्यालय में जमा करनी होगी।


शहर की सड़कों का भी होगा कायाकल्प

पथ निर्माण विभाग द्वारा देवघर की प्रमुख सड़कों का कालीकरण (डामर बिछाने) का काम भी जोरों पर है। इससे मेला क्षेत्र में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर यातायात सुविधा मिल सकेगी।


निष्कर्ष

श्रावणी मेला को लेकर देवघर प्रशासन पूर्ण रूप से तैयारियों में जुटा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए सभी विभाग समन्वय से कार्य कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि 11 जुलाई से शुरू हो रहा यह धार्मिक पर्व श्रद्धालुओं के लिए सुखद और स्मरणीय अनुभव बने।

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