31 जुलाई 2025 | Location: वॉशिंगटन / नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस पर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर पोस्ट करते हुए दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को “Dead Economies” बताया और कहा कि उन्हें इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे आपस में व्यापार करें या नहीं।
ट्रंप ने कहा,
“I don’t care what India does with Russia. They can take their dead economies down together… India’s tariffs are too high, among the highest in the world…”
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लागू करने और रूस के साथ व्यापार पर आर्थिक दंड लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है क्योंकि भारत के टैरिफ वैश्विक स्तर पर बेहद ऊंचे हैं।
शेयर बाजार पर असर
ट्रंप की टैरिफ नीति और बयान का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा है।
31 जुलाई को बाजार खुलते ही सेंसेक्स 500 अंक से अधिक टूट गया और निवेशकों को केवल कुछ मिनटों में ₹3 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा।
रूस से तेल व्यापार पर सवाल
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यह बहस तेज हो गई है कि भारत और रूस के बीच तेल व्यापार में असल लाभ किसे मिल रहा है — सरकार को या निजी कंपनियों को?
यूजर्स यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर मुनाफा निजी कंपनियां कमा रही हैं, तो दंड भारत सरकार क्यों भुगते?
राजनीतिक संकेत और वैश्विक समीकरण
ट्रंप का बयान सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति भी माना जा रहा है। उन्होंने रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपने शब्दों को लेकर सावधान रहें, वरना वे “Very dangerous territory” में प्रवेश कर सकते हैं।