त्रिपुरा में बांग्लादेश के खिलाफ एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन ।

त्रिपुरा में बांग्लादेश के खिलाफ एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन ।

कुछ महीने पहले की बात है 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पड़ से इस्तीफ़ दे दिया था । सरकार गिरने के बाद से हिंदुओं पर हमला बढ़ गए है। इसके बाद इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय प्रभु को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। बांग्लादेश के ब्राह्मणबरिया जिलों में 30 नवंबर को त्रिपुरा से ढाका होते हुए कोलकाता जा रही एक बस पर हमला हुआ।
जानकारी के मुताबिक त्रिपुरा में बांग्लादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए । इसके बाद अगरतला में बांग्लादेशी हाई कमीशन में तोड़ फोड़ की गई । वही त्रिपुरा के होटल एसोसिएशन और एक हॉस्पिटल ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दी । साथ ही बांग्लादेश ने भी अगरतला में अपनी वीजा सेवाएं ठप कर दी है और त्रिपुरा से अपने डिप्लोमेट्स रिटर्न मंगवा लिए है।

आपको जानकारी दे दे की त्रिपुरा तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है । इसका पड़ोसी देश से सांस्कृतिक और इकोनॉमिकली रिलेशन है। बांग्लादेश में खतरे के चलते हिंदू आबादी बड़ी तादाद में देश छोड़कर त्रिपुरा के जरिए भारत में अवैध तरीके से घुस रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि वह के लोग भारत के जेल में रहे लेंगे , लेकिन वापस बांग्लादेश नहीं जाएंगे

बांग्लादेश और भारत के बीच चलने वाली ट्रेन पैसेंजर बसे खाली चल रही है। बांग्लादेश से आने वाली बसे खाली नजर आ रही हैं वही जाने वाले में भी पैसेंजर काम नजर आ रहे हैं।
ये सारी चीजों की जानकारी बस ऑपरेटर कंपनी श्यामोली परिवहन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर विकास चक्रवर्ती ने दी। कहा 30 नवंबर को अगरतला –कोलकाता बस पर बांग्लादेश में हमले के बाद यात्रियों की संख्या में बहुत कमी आई है। वही आपको जानकारी दे दे की इन सब चीजों से पहले भारत और बांग्लादेश के लोग बड़े पैमाने पर आना जाना करते थे।

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