झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग की टीम दो दिवसीय झारखण्ड दौरे पर है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग की टीम ने आज राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनसे फीडबैक लिया। मुलाकात के बाद लगभग सभी राजनीतिक दलों ने एक और में कहा कि राज्य स्थापना दिवस यानी 15 नवंबर और पर्व त्योहार को देखते हुए चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाए।

चलिए जानते है राकेश प्रसाद (बीजेपी) ने क्या कुछ कहा।
भारतीय जनता पार्टी में चुनाव आयोग के समक्ष बांग्लादेशी घुसपैठिए मतदाताओं का मुद्दा उठाया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि कई ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां पर मतदाताओं की संख्या 123 प्रतिशत तक बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मतदान के क्रम में आधार कार्ड की जांच होनी चाहिए और फर्जी होने पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए। राकेश प्रसाद ने कहा कि झारखंड में काम चरणों में चुनाव अब संभव है ऐसा आयोग के समक्ष कहा गया है।

वही इस मौके पर हसन अंसारी ने कहा।
जबकि भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी झारखंड में चरणबद्ध रूप से विधानसभा चुनाव के पक्ष में है। आजसू नेता हसन अंसारी ने कहा कि निर्धारित समय पर चुनाव हो ऐसा पार्टी का मानना है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य और विनय सिंहा दीपू कांग्रेस ने भी अपना बयान दिया।
इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस का भी मानना है कि राज्य स्थापना दिवस और पर्व त्योहारों के बाद झारखंड में चुनाव कराया जाए। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव और पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल दिसंबर तक है इसे ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीखों क्या ऐलान में किसी तरह की हड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव के दौरान हेट स्पीच और हेट स्पीच देने वाले नेताओं पर आयोग की ओर से निष्पक्षता पूर्वक रोक लगनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी का भी मानना है कि आपसी वैमनस्यता फैलाने वाले नेताओं और उनके प्रचार कार्यक्रमों पर रोक लगनी चाहिए।