Winter Session 2025: सत्र से पहले PM मोदी का विपक्ष पर हमला — “अब राजनीति नहीं, देश के लिए डिलीवरी चाहिए |

Winter Session 2025: सत्र से पहले PM मोदी का विपक्ष पर हमला — “अब राजनीति नहीं, देश के लिए डिलीवरी चाहिए |

संसद का शीतकालीन सत्र 1 से 19 दिसंबर तक चलेगा। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा—यह समय डिलिवरी का है, ड्रामा का नहीं।

Winter Session 2025 शुरू — PM मोदी का विपक्ष पर सीधा वार: “यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए”

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि देश की विकास गति को तेज़ करने का अवसर है।


1 से 19 दिसंबर तक चलेगा सत्र, कई अहम बिल होंगे पेश

शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक और नीति प्रस्तावों पर चर्चा और पास होने की संभावना है। सरकार इस सत्र को उत्पादक और इतिहास बनाने वाला सत्र बताने की कोशिश में है।


PM मोदी ने विपक्ष को दी नसीहत — “पराजय की जलन छोड़ें और बहस में हिस्सा लें”

बयान में पीएम मोदी ने कहा:

“यह सत्र सिर्फ एक रस्म अदा करने के लिए नहीं है। यह भारत की प्रगति की गति बढ़ाने की ऊर्जा है।”

उन्होंने बिहार चुनाव परिणाम का जिक्र करते हुए विपक्ष के व्यवहार पर टिप्पणी की और कहा कि कुछ दल अपनी हार से अभी तक उबर नहीं पाए हैं।


“पराजय की बौखलाहट संसद का माहौल खराब न करे” — पीएम मोदी

मोदी ने कहा कि विपक्ष को मजबूत मुद्दे उठाने चाहिए, लेकिन विरोध के नाम पर केवल अव्यवस्था फैलाना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।


BJP सांसद संजय जायसवाल का ममता और राहुल गांधी पर कटाक्ष

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने विपक्ष के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि मानसून सत्र पूरी तरह विवादों में बर्बाद हुआ।
उन्होंने कहा:

“राहुल गांधी बिहार में घूमते रहे लेकिन SIR से नाराज़ कोई नहीं मिला। चुनाव में जनता ने इसका जवाब दे दिया।”

उन्होंने दावा किया कि बंगाल में ममता बनर्जी की हार तय है और इसलिए वह अभी से मुद्दे खोज रही हैं।


सपा नेता राम गोपाल यादव बोले — “हमारे मुद्दे नहीं उठने दिए तो सदन नहीं चलने देंगे”

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने सत्र के एजेंडे और SIR मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा:

“अगर विपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं दी गई तो सदन नहीं चलेगा। सरकार वोटों को अवैध घोषित करने का प्रयास कर रही है, हम इसे रोकेंगे।”


क्या शीतकालीन सत्र बन पाएगा उत्पादक?

अब देखना होगा कि यह सत्र विधायी कार्यवाही और राष्ट्रहित की दिशा में आगे बढ़ता है या फिर राजनीतिक टकराव एक बार फिर संसद को प्रभावित करता है।

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