रांची: रविवार, जिसे आमतौर पर छुट्टी और आराम के दिन के रूप में देखा जाता है, इस बार झारखंड की राजधानी रांची के लिए मातम और खौफ का पैगाम बनकर आया। बीते 24 घंटों में एक के बाद एक घटनाओं ने शहर को हिला दिया। कुल 8 लोगों की मौत ने इस दिन को लोगों की यादों में ‘ब्लैक संडे’ के नाम से दर्ज कर दिया।
सुबह से शुरू हुआ मौत का सिलसिला
दिन की शुरुआत पुंदाग ओपी इलाके से हुई, जहां एक हॉस्टल में युवती का शव उसके कमरे में मिला। पुलिस मामले को आत्महत्या और हत्या, दोनों एंगल से जांच रही है। इसी बीच, हिंदपीढ़ी से खबर आई कि फिरोज नाम के युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इसके कुछ देर बाद, हिंदपीढ़ी में ही आपसी विवाद के चलते गोलियों की आवाज गूंजी और एक युवक की मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया, लोगों ने आरोपी के घर में तोड़फोड़ की और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
मेन रोड गुरुद्वारे में हार्ट अटैक से मौत
करीब 11 बजे, मेन रोड स्थित गुरुद्वारे में लंगर के दौरान एक व्यक्ति को अचानक सीने में दर्द हुआ। हार्ट अटैक आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
शाम का खौफनाक सड़क हादसा
शाम 6 बजे हरमू स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय के पास एक तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर ने तीन वाहनों को टक्कर मारते हुए कई पैदल यात्रियों को रौंद दिया। हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में इलाज के दौरान एक और युवक की मौत की सूचना मिली, हालांकि पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
बरियातू में विवाहिता की संदिग्ध मौत
रात होते-होते बरियातू थाना क्षेत्र से एक और सनसनीखेज मामला सामने आया। लेक व्यू अपार्टमेंट के पीछे बस्ती में नीलम बुरुली नामक महिला का शव फंदे से लटका मिला। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है, लेकिन मायके पक्ष का आरोप है कि यह हत्या है और इसके पीछे महिला के पति का हाथ है।
एक दिन में मौत के चार चेहरे
हत्या, आत्महत्या, सड़क हादसा और हार्ट अटैक — रांची ने 24 घंटे में चार तरह की मौतों का खौफनाक मंजर देखा। सवाल यह है कि क्या ये सब महज संयोग था या फिर कानून व्यवस्था, ट्रैफिक सिस्टम और समाज की बिगड़ती मानसिक सेहत का आईना?