IMD News: इस साल देश में सामान्य से अधिक 105% तक हो सकती है मॉनसूनी बारिश |

IMD News: इस साल देश में सामान्य से अधिक 105% तक हो सकती है मॉनसूनी बारिश |

नई दिल्ली: भारत में इस वर्ष अच्छी मॉनसूनी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को जानकारी दी कि जून से सितंबर 2025 के बीच देश में औसत से अधिक वर्षा होने का अनुमान है। इस दौरान मॉनसून करीब 105% तक रहने की संभावना है, यानी करीब 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है।

केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, एम. रविचंद्रन ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि इस बार अल नीनो की स्थिति विकसित होने की संभावना नहीं है, जिससे मॉनसून पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के लगभग 80% हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है, हालांकि उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में औसत से कम बारिश की आशंका है।


🌧️ मॉनसून की शुरुआत और वापसी

भारत में मॉनसून हर साल लगभग 01 जून के आसपास केरल से प्रवेश करता है और सितंबर के अंत तक राजस्थान के रास्ते विदा होता है। मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की सटीक शुरुआत की तारीख की घोषणा मई के मध्य में की जाएगी। कई राज्यों में यह 15 से 25 जून के बीच पहुंचता है।


❄️ बर्फ की चादर और मॉनसून का संबंध

जनवरी से मार्च 2025 के बीच उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया क्षेत्र में बर्फ की परत सामान्य से कम रही है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, इस तरह की स्थितियों का भारत में मॉनसूनी वर्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


🌊 क्या है अल नीनो?

अल नीनो एक समुद्री जलवायु प्रक्रिया है जिसमें प्रशांत महासागर का तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। इसका असर आमतौर पर हर 10 वर्षों में दो बार देखा जाता है। अल नीनो के कारण भारत में अक्सर मॉनसून कमजोर पड़ता है, जिससे सूखा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन इस वर्ष, इस पैटर्न की अनुपस्थिति से अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही है।


📊 महत्वपूर्ण आँकड़े:

  • लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA): 86.86 सेमी
  • 2025 का अनुमान: 105% (लगभग 87 सेमी)
  • 80% क्षेत्र: सामान्य से अधिक बारिश
  • उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत: सामान्य से कम वर्षा की संभावना

इस रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि 2025 का मॉनसून कृषि और जल प्रबंधन के लिहाज से काफी सकारात्मक और लाभकारी हो सकता है। इससे किसानों, जलाशयों और पूरे कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को राहत मिलने की संभावना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *