ये प्रोजेक्ट झारखण्ड सरकार और भारत सरकार का संयुक्त प्रोजेक्ट है।करीबन 700 करोड़ की लागत से बन रहा है। जिसमे गेतलसूद डैम में फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट लिए 9.7 % जगह एक्यूयर किया जायेगा।, बता दे की कल इस प्रोजेक्ट काम शुरू हुआ था, जिसमे सबसे पहले सॉइल टेस्टिंग के लिए मशीन आया था।
इस प्रोजेक्ट की बात सुनते है अनगड़ा प्रखंड के ग्रामीण आक्रोशित हो गए । ग्रामीण लोगो ने इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध करने लगे। इस ग्राम के लोग अपना जीवन यापन मछली बेच कर करते है। इस गांव में 1000 से ज्यादा परिवार है जिनका हर मछली बेच कर ही चलता है ।
जब गांव की महिलाओ से मीडिया कर्मियों ने बात किया तो उन्होंने बताया की वो आपने बच्चो को इसी से पढ़ती है आपने परिवार का पीट चलती है ।और उनके मान में ये दर देखने को मिला की कही उनसे ये पूरा डैम ही न ले लिया जाए।ग्रामीणों का कहना है की आज 10% जगह ये लोग ले रहे है , कल पूरा डैम ले लेंगे। वही उन्होंने आपने रोजगार का सोचते हुए कहा की इससे मछली को भी नुकसान होगा।
इस बीच काम में अड़चन नहीं हो, इसे लेकर कंपनी के अधिकारी पुलिस प्रशासन को लेकर वहां पहुंचे थे। निर्माण स्थल पर पहुंचते ही ग्रामीणों ने जान देंगे, लेकिन पावर प्लांट नहीं बनने देंगे के नारे भी लगाये।अक्रोशोत ग्रामीणों को और ये सारे मामले को देखने के बाद डीएसपी रति भान सिंह ने 2 घंटे ग्रामीणों को समझाए की किस तरह से काम होगी और भी सर जानकारी दी ।इस सब के बाद सॉइल टैस्टिंग का काम करने पर सहमति बनी।
इस सब के बाद भी काम एक हफ्ते के लिए रोका गया है।इस मौके पर वहा के लोगो बोले की हम लोग स्थानीय विधायक और सांसद से बार करेंगे और तब इस प्रोजेक्ट का काम आगे करेंगे देंगे। वार्ता में निर्णय हुआ कि फिलहाल चहारदीवारी का काम बंद रहेगा, लेकिन मिट्टी का परीक्षण किया जायेगा.
पूरी बात एक हफ्ते में सामने आ जाएगी ।
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