Ranchi News | Jharkhand DGP Update: झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया, कैबिनेट के निर्णय और गठित चयन समिति की अनुशंसा के आधार पर की गई थी।
गृह मंत्रालय को दी गई बिंदुवार जानकारी
मुख्य सचिव की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में डीजीपी नियुक्ति प्रक्रिया की बिंदुवार जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, अनुराग गुप्ता को डीजीपी पद पर नियुक्त करना वैध और उचित था, इसलिए उन्हें 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके जवाब में यह रिपोर्ट तैयार कर भेजी गई है।
राजनीतिक आरोपों की गर्मी तेज
वहीं, राज्य में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए आरोप लगाया कि डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यभार संभालने के बाद से झारखंड में कोयला खनन में भारी वृद्धि हुई है और वसूली का पैसा सीधे मुख्यमंत्री की जेब में जा रहा है।
“डीजीपी विहीन बना झारखंड” – मरांडी का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने यह भी दावा किया कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां डीजीपी की स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह सवाल भी किया कि आखिर वह अनुराग गुप्ता को लेकर इतना विशेष प्रेम क्यों जता रहे हैं। इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी मरांडी ने इसी मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था।
DGP विवाद पर जांच और सियासत जारी
फिलहाल राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट दिए जाने के बाद अब गेंद केंद्रीय गृह मंत्रालय के पाले में है। देखना होगा कि केंद्र इस रिपोर्ट पर क्या रुख अपनाता है। उधर,विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर पारदर्शिता की कमी और राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगाता आ रहा है।