रांची: झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के सशक्त प्रतिनिधि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार सुबह निधन हो गया। 81 वर्षीय शिबू सोरेन ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को 4 अगस्त की शाम विशेष विमान से रांची लाया गया।
रांची एयरपोर्ट से मोरहाबादी स्थित उनके आवास तक अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों लोगों ने अंतिम दर्शन किए। राजधानी शोक में डूबी रही और “जब तक सूरज-चांद रहेगा, गुरु जी का नाम रहेगा” और “दिशोम गुरु अमर रहें” जैसे नारों से वातावरण गूंजता रहा।
आज विधानसभा में राजकीय सम्मान, फिर नेमरा गांव में अंतिम संस्कार
सरकार द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, आज शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को झारखंड विधानसभा ले जाया जाएगा, जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद नेमरा (प्रखंड – गोला, जिला – रामगढ़) स्थित उनके पैतृक गांव तक अंतिम यात्रा निकाली जाएगी, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
विधानसभा परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, विधायक और गणमान्य लोग शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भावुक संदेश: ‘बाबा, अब आप आराम कीजिए’
अपने पिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक भावुक संदेश सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने लिखा:
“मेरे सिर से सिर्फ पिता का साया नहीं गया, बल्कि झारखंड की आत्मा का एक स्तंभ चला गया।”
उन्होंने बाबा के जीवन संघर्ष, जनसेवा और झारखंड के प्रति उनके योगदान को याद किया। हेमंत ने अपने पिता को सिर्फ ‘बाबा’ नहीं, बल्कि पथप्रदर्शक, विचारों की जड़ें, और समाज की छांव बताया।
‘दिशोम गुरु’ उपाधि का अर्थ समझाया
हेमंत सोरेन ने पोस्ट में बताया कि बचपन में जब उन्होंने पूछा कि लोग उन्हें ‘दिशोम गुरु’ क्यों कहते हैं, तो शिबू सोरेन ने जवाब दिया –
“क्योंकि मैंने सिर्फ लोगों का दुःख नहीं समझा, बल्कि उनकी लड़ाई को अपनी बना लिया।”
दिशोम का अर्थ होता है ‘समाज’ और गुरु का मतलब है ‘जो रास्ता दिखाए।’
बेटे ने दोहराया संकल्प
मुख्यमंत्री ने बाबा से वादा करते हुए लिखा:
“आपने जो सपना देखा, अब वो मेरा वादा है। मैं झारखंड को झुकने नहीं दूंगा, आपके नाम को मिटने नहीं दूंगा। आपका संघर्ष अधूरा नहीं रहेगा। बाबा, अब आप आराम कीजिए।”
मुख्य बिंदु (Quick Highlights):
- शिबू सोरेन का निधन दिल्ली में 5 अगस्त की सुबह हुआ।
- पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ रांची लाया गया।
- आज झारखंड विधानसभा में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।
- नेमरा गांव में होगा अंतिम संस्कार।
- हेमंत सोरेन ने भावुक संदेश में पिता को श्रद्धांजलि दी।