जमशेदपुर (पोटका प्रखंड): मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। पोटका प्रखंड की जुड़ी पंचायत से आई इस रिपोर्ट में सरकारी सत्यापन के दौरान पाया गया कि लाभुक सूची में 15 मुस्लिम महिलाओं के नाम दर्ज हैं, जबकि हकीकत में उस पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता। इतना ही नहीं, एक पुरुष का नाम भी लाभार्थियों की सूची में शामिल पाया गया है।
लाभुक सूची में गड़बड़ी साफ़ दिखी
जुड़ी पंचायत के लाभुक सूची में 342 से लेकर 358 क्रमांक तक सभी 15 मुस्लिम महिलाओं के नाम दर्ज हैं। इनके बैंक खाते भी क्रमवार तरीके से भारतीय स्टेट बैंक में खोले गए हैं। इस पर पंचायत के मुखिया सुकलाल सरदार ने कहा कि उन्हें इन नामों की कोई जानकारी नहीं थी। जांच के बाद इन नामों को योजना से हटाया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
सिर्फ एक मुस्लिम परिवार, फिर भी 15 नाम?
पंचायत में कुल 6 गांव हैं—जुड़ी, हाता, पावरु, तिरिंग, नुआग्राम और चांपीडीह। केवल हाता गांव में एक मुस्लिम परिवार रहता है, जबकि अन्य किसी भी गांव में मुस्लिम समुदाय का कोई भी परिवार नहीं रहता। इसके बावजूद सूची में 15 मुस्लिम महिलाओं को लाभार्थी दिखाया जाना गंभीर सवाल खड़े करता है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। संबंधित विभाग जल्द ही दोषियों की पहचान कर आवश्यक कदम उठाएगा। सरकार की ओर से इस योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लगातार सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है।