झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ में कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आए हत्यारों को घसीटकर लाना होगा और जातीय जनगणना तक आंदोलन जारी रहेगा।
रांची, 6 मई 2025:
झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ के मंच से कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार की आलोचना की, बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने की भी बात कही।
“घुसो पाकिस्तान में, घसीटकर लाओ हत्यारों को”: अलका लांबा का तीखा बयान
अलका लांबा ने कहा,
“हमारे देशवासियों को मारने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। घुसो पाकिस्तान में और घसीटकर लाओ उन हत्यारों को। मोदी सरकार सिर्फ भाषण देती है, लेकिन आतंक आज भी सिर उठा रहा है। उसे करारा जवाब देना जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि यह समय भाषणों का नहीं, एक्शन का है। देश तैयार है, जनता तैयार है – अब सरकार को भी तैयार होना चाहिए।
प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल
अलका लांबा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होते। उन्होंने कहा:
“जब प्रधानमंत्री आवास में सेना प्रमुखों के साथ बैठक होती है, तो उसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत को बुलाया जाता है। लेकिन जब देश संकट में होता है, तो प्रधानमंत्री पहलगाम नहीं जाते, घायलों से मिलने नहीं जाते। राहुल गांधी ही शहीदों के परिवारों से मिलते हैं।”
जातिगत जनगणना को लेकर सरकार पर हमला
अलका लांबा ने कहा कि यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि:
- जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा और आरएसएस शुरू से विरोध में थे।
- राहुल गांधी की अगुवाई में इस मांग को लेकर बड़ा आंदोलन शुरू हुआ है – “जिसकी जितनी आबादी, उसको उतना हक” के नारे के साथ।
- महिला आरक्षण विधेयक पास हो चुका है लेकिन अब तक लागू नहीं हुआ।
- तेलंगाना की तरह पूरे देश में जातिगत जनगणना और सामाजिक आरक्षण की जरूरत है।
“रांची से उठी आवाज दिल्ली तक जाएगी”
रैली के मंच से अलका लांबा ने कहा:
“यह जीत जनता की है, यह राहुल गांधी की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की जीत है जो अपने अधिकार के लिए खड़ा है। रांची से जो आवाज उठेगी, वह दिल्ली की सत्ता तक पहुंचेगी।”
निष्कर्ष:
‘संविधान बचाओ रैली’ में अलका लांबा के fiery भाषण ने साफ कर दिया कि कांग्रेस केंद्र सरकार को न सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही है, बल्कि जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर भी संघर्ष तेज करने की तैयारी में है।