झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’पर आपनी प्रतिक्रिया दी है|

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’पर आपनी प्रतिक्रिया दी है|

वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोला की एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात है।
कल यानी 18 सितंबर को वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी जी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।इसके बाद से पक्ष और विपक्ष इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’पर आपनी प्रतिक्रिया दी है। हेमंत सोरेन ने लिखा कि “एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात है।यह हमारे संघीय ढांचे को कमजोर करने और राज्यों की स्वायत्तता को नष्ट करने का एक बड़ा षड्यंत्र है।वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव आने से लोगों की आवाज दबाई जायेगी और उनके मतदान के अधिकार का अपमान होगा। डिमोनेटाइजेशन की जन-विरोधी एवं असफल नीति की तरह ही यह कदम डी-डेमोक्रेटाइजेशन की तरफ धकेलने का प्रयास है। हम इस अलोकतांत्रिक कदम का पुरजोर विरोध करते हैं।वही एक और पोस्ट करते हुए बीजेपी को ताना कसते हुए उन्होंने आपने पोस्ट में हेमंत सोरेन ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन क्षेत्रीय मुद्दों को खत्म करने की भाजपा की चाल है। यह देश के संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ पारंपरिक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था पर भी कुठाराघात है। झामुमो की पार्टी इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा।बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।’वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था ।समिति ने 191 दिन तक राजनीतिक दलों तथा विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिल गयी।


साथ ही साथ ये भी बता दे की आखिर वन नेशन वन इलेक्शन क्या है?
एक देश, एक चुनाव” की अवधारणा का उद्देश्य भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक ही समय पर आयोजित करना है। इस नीति का मुख्य लक्ष्य चुनावी प्रक्रिया को सरल और आर्थिक बनाना है।
बात करे इसी तो हम सभी जानते है हर मुद्दे की 2 पहलू होते है एक अच्छी तो एक खराब । इसमें भी कुछ ऐसा ही वन नेशन वन इलेक्शन हमारे देश के लिए एक बड़ा कदम है ।

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